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OMG! ये सीरियल किलर पहले मनाता था ‘सुहागरात’, फिर दुल्हन का कर देता था ‘कत्ल’

locationनई दिल्लीPublished: Jan 21, 2020 01:25:54 pm

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

आरोपी को पकड़ने में पुलिस के भी छूट गए थे पसीने
लोगों को आज भी डराता है ये मामला

This serial killer used to celebrate honeymoon before then he would kill the bride

This serial killer used to celebrate honeymoon before then he would kill the bride

नई दिल्ली: दुनिया में कई ऐसे किलर्स हैं, जिनके नाम से ही लोग कांपते हैं। इन सीरियल किलर्स ने मासूम और निर्दोष लोगों को अपना शिकार बनाया। लेकिन हम आपको एक ऐसे सीरियल किलर ( Serial Killer ) के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने भारत में कई लोगों की जान ली। इस भारत का सबसे खूंखार सीरियल किलर भी कहा जाता है क्योंकि इसके कत्ल करने का तरीका सबसे अलग था।

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ये महिला लोगों की हत्या करके अंगों का आचार बनाकर खाती थी बड़े चाव से, कारण जानकर कांप उठेगी आपकी रूह

बनाया शारिरिक संबंध…

इसे साइनाइड किलर या साइनाइड मोहन के नाम से जाना जाता है। ये किलर पहले दुल्हन के साथ सुहागरात मनाता था और फिर उनका कत्ल कर देता था। साल 2009 में कर्नाटक के एक गांव की रहने वाली अनिता नाम की लड़की को एक लड़के से प्यार हुआ। दोनों शादी ( Marriage ) करना चाहते थे, इसलिए अनिता अपना सबकुछ छोड़कर लड़के के पास आ गई। अगले दिन मंदिर में शादी करने का वादा लड़के ने अनिता से किया था। ऐसे में वो एक लॉज में ठहरें, जहां रात को लड़के ने अनिता के साथ शारिरिक संबंध बनाए। अगले दिन सुबह अनिता दुल्हन के कपड़े और गहने पहनकर कमरे से निकल गई और हसन जिले के बस स्टैंड पर आई, जहां लड़का पहले से ही उसका इंतजार कर रहा था।

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खिलाई ये गोली…

वहीं लड़के ने अनिता को एक टैबलेट दी और इसे गर्भनिरोधक गोली बताकर टॉयलेट में जाकर खाने को कहा। इसके पीछे उसने बताया कि इसे खाकर चक्कर भी आ सकते हैं। इससे पहले लड़के ने अनिता के सारे गहने उतरवा कर अपने पास रख लिए। वहीं अनिता ने टॉयलेट के अंदर जाकर वो गोली खा ली, जिससे उसकी वहां मौत हो गई। वहीं बाकी महिलाओं ने दरावाजा पीटा, लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला तो पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। पुलिस आई तो देख अनिता की टॉयलेट के अंदर मौत हो चुकी थी। दूसरी तरफ लड़का वहां से फरार था, जिसके बारे में पुलिस को भनक भी नहीं थी। लेकिन सब हैरान थे कि ये मौत हुई कैसे? वो लड़का कौन था?

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20 महिलाओं की हत्या…

दरअसल, साल 2009 से लेकर 2009 के बीच दक्षिण कर्नाटक के 6 शहरों में अलग-अलग बस स्टैंड के पास बने टॉयलेट से 20 महिलाओं की लाश मिली थीं। सभी मृत महिलाओं की उम्र 20-32 साल के बीच थी, सभी ने दुल्हन की ड्रेस पहनी थी और किसी के भी शरीर पर एक भी गहना नहीं था। वहीं 16 जून 2009 को जब 22 साल की अनिता अपने गांव बंटवाल से गायब हुई तो लोगों ने हंगामा किया और मामले को सांप्रदायिक रंग देते हुए कहा कि अनिता को कोई मुस्लिम लड़का भगाकर ले गया। लोग गुस्से में थे, इसलिए पुलिस को मामले की जांच करने पर मजबूर होना पड़ा और 1 महीने के अंदर केस सुलझाने का वादा किया। सबसे पहले अनिता के मोबाइल को खंगाला गया, तो पता चला किवो नंबर कावेरी नाम की एक महिला का था। पुलिस कावेरी के घर गई तो वो कई महीनों से गायब थी। पुलिस ने फिर कावेरी का फोन खंगाला तो उसे पुष्पा नाम की लड़की का नंबर मिला। लेकिन जब पुलिस उसके घर पहुंची, तो वो भी गायब थी।

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इसलिए की हत्याएं…

पुलिस परेशान हो गई। फिर पुलिस को मंगलौर के एक गांव से जुड़ा इस मामले का तार मिला, जिसका फोन अब भी चालू था। पुलिस ने इस नंबर पर कॉल किया तो पता चला इस नंबर को कोई धनुष नाम का लड़का चला रहा है। पुलिस गांव पहुंची और धनुष से पूछा तो उसने बताया कि उसके चाचा प्रोफेसर मोहन कुमरा ने उसे ये नंबर दिया है। पुलिस ने प्रोफेसर मोहन को हिरासत में लिया, तो उसने पहले तो कुछ नहीं बताया लेकिन फिर सब उगल दिया। प्रोफेसर मोहन कुमार ने बताया कि वो गरीब परिवार, जो दहेज नहीं दे सकते हैं या जिनकी लड़कियों की शादी नहीं हो रही है, उन लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसाता था और उनसे बिना पैसे के शादी करने की बात कहता था। फिर लड़कियों को शादी का झांसा देकर अपने पास बुलाता था और अगले दिन शादी करने की बात कहकर रात को उनके साथ शारीरिक संबंध बनाता था। फिर अगले दिन उन्हें बहाने से टॉयलेट में जाकर गर्भनिरोधक गोली खाने के लिए मना लेता था। चूंकि एक सरकारी स्कूल में शिक्षक रह चुका मोहन कुमार पहले ही इन गोलियों में साइनाइड मिला देता था, जिससे युवतियों की वहीं पर मौत हो जाती थी। इसके बाद वो उनकी ज्वैलरी लेकर वहां से भाग जाता था। दिसंबर 2013 में मंगलौर की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उसे 20 महिलाओं की हत्या का दोषी माना और फांसी की सजा सुनाई। इसमें सबसे हैरानी की बात ये भी है कि मोहन कुमार अपना केस खुद ही लड़ रहा था।

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