हम यहां बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ की जनजाति धुरवा के बारे में जो खून के रिश्ते में यकीन नहीं रखते हैं। शायद यही वजह है कि इस जनजाति में लोग भाई-बहन की आपस में शादी करवा देते हैं। हैरान कर देने वाली ये बात बिल्कुल सच है।
धुरवा जनजाति में लोग बहन की बेटी से बेटे का रिश्ता तय कर देते हैं। यहां भाई-बहन की आपस में शादी करवाने के लिए दोनों के घरवालों से उनकी मर्जी पूछी जाती है।
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हालांकि बस नाममात्र के लिए ऐसा किया जाता है क्योंकि यहां ऐसी शादी को लेकर कोई आपत्ति नहीं जता सकता है। यदि किसी ने गलती से भी ऐसा किया तो उस पर भारी जुर्माना लगा दिया जाता है। भाई और बहन के रिश्ते को पति-पत्नी में तब्दील करना वाकई में काफी अजीब है।
धुरवा जनजाति में एक और अजीब रीति का चलन है। ये रीति भी शादी से संबंधित है। इसके अन्तर्गत यहां दूल्हा-दुल्हन शादी के लिए अग्नि के नहीं बल्कि पानी को साक्षी मानकर फेरे लेते हैं। इस जनजाति के लोग किसी भी मौके पर पेड़ और पानी के पूजा को ज्यादा महत्व देते हैं।
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बता दें छत्तीसगढ़ की धुरवा जनजाति के लोग काफी लंबे अर्से से इस पंरपरा का पालन करते आ रहे हैं। आज भी ये लोग दुनिया ये अलग-थलग रहकर इस परंपरा का पालन बड़ी ही शिद्दत के साथ करते हैं।