उल्लू की बलि देकर अमीर बनना चाहते हैं लोग दरअसल, दीपावली के पहले कई लोग अंधविश्वास के चक्कर में उल्लुओं की बलि देते हैं। इसके पीछे इन लोगों का मानना है कि ऐसा करके वो अमीर बन जाएंगे। ये सिलसिला धनतेरस से शुरू हो जाता है और दीपावली की रात तक चलता है। सबसे ज्यादा बलि दीपावली की रात को दी जाती है। माना जाता है कि दीपावली के रात उल्लुओं की बलि देने से लक्ष्मी मां खुश होती हैं।
बलि से पहले खिलाया जाता है मांस बता दें, बलि देने से पहले उल्लुओं की खातिरदारी की जाती है। तांत्रिक क्रिया के तहत उल्लू को शराब और मांस खिलाया जाता है। इस दौरान तांत्रिक उल्लुओं के पंख, आंख समेत शरीर के कई हिस्से की पूजा भी करते हैं।
महज एक अंधविश्वास, आैर कुछ नहीं
दीपावली के दिन उल्लू मुंहमांगी कीमत पर बिकते हैं। आमतौर पर दीवाली वाले दिन उल्लू की कीमत 10,000 से शुरू होती है और ये कीमत उल्लू की खासियत के साथ बढ़ती रहती है। सीधे तौर पर कहें तो यह महज एक अंधविश्वास है। कुछ लोग अपना स्वार्थ साधने के लिए इस तरह की भ्रांतियां समाज में फैलाते हैं और फिर इसका फायदा भी उठाते हैं।
दीपावली के दिन उल्लू मुंहमांगी कीमत पर बिकते हैं। आमतौर पर दीवाली वाले दिन उल्लू की कीमत 10,000 से शुरू होती है और ये कीमत उल्लू की खासियत के साथ बढ़ती रहती है। सीधे तौर पर कहें तो यह महज एक अंधविश्वास है। कुछ लोग अपना स्वार्थ साधने के लिए इस तरह की भ्रांतियां समाज में फैलाते हैं और फिर इसका फायदा भी उठाते हैं।