स्विटजरलैंड के सोलोथर्न शहर के सेंट उर्सूस के मुख्य चर्च में भी 11 नंबर को खास तरजीह दी गई है। चर्च के बनने में 11 साल का वक़्त लगा, तो दूसरी ओर इस चर्च में स्थित सीढ़ियां भी तीन सेट में हैं और हर सेट में 11 पंक्तियां हैं। इसके अलावा इस चर्च में 11 दरवाजे और 11 घंटियां भी मौजूद हैं।
यह तो हुई बात स्मारकों और धार्मिक इमारतों की। यहां लोग अपने निजी जीवन में भी 11 नंबर को खासा महत्व देते हैं। और लोग 11वें जन्मदिन को भी जबरदस्त तरीके से मनाते हैं, जन्मदिन के अवसर पर जो तोहफे दिए जाते हैं उनमें भी 11 नंबर को खास महत्व दिया जाता है।
आखिर 11 नंबर के पीछे लोगों में इतनी दीवानगी क्यों है? इसके पीछे एक प्राचीन मान्यता है। सोलोथर्न निवासी काफी मेहनती होते थे लेकिन कड़ी मेहनत के बाद भी लोगों के जीवन में दरिद्रता थी खुशियां नहीं थी। लंबे समय बाद यहां की पहाड़ियों पर एल्फ आने लगे जो लोगों के लिए शुभ साबित हुए। एल्फ के आते ही लोगों के जीवन में खुशहाली आ गई
एल्फ को लेकर जर्मनी में भी पौराणिक गाथाएं हैं, जर्मनी के लोगों का मानना है कि एल्फ में अलौलिक शक्तियां होती हैं, दरअसल जर्मनी में एल्फ को भी 11 से जोड़ कर मना जाता है। यही वजह है कि सोलोथर्न के लोग भी एल्फ को 11 नंबर से जोड़ कर मानते हैं इसकी सुरुआत भी तब से हुई है।