दरअसल यह परम्परा दक्षिण भारत के तमिलनाडु में सदियों से निभाई जा रही है। इस प्रथा का नाम ‘ठलाईकूठल’ है। आपमें से ज्यादातर लोगों ने इस प्रथा का नाम नहीं सुना होगा। इस प्रथा के नाम पर चोरी छिपे लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। दरअसल इस प्रथा में लोग अपने बूढ़े परिजनों को मार डालते हैं। जी हां सुनने में ये काफी खौफनाक लगता है लेकिन आज भी लोग इस प्रथा के नाम पर अपने परीजनों की हत्या कर रहे हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि जब इस खौफनाक प्रथा को अंजाम दिया जाता है तब गांव के सभी लोग उस जगह पर मौजूद रहते हैं इसके बावजूद कोई भी कुछ नहीं करता है। यह प्रथा कानूनी रूप से बैन बावजूद पुलिस और प्रशासन की नजरों से बचकर इसे आज भी अंजाम दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार लोग अपने परिजनों को तब मौत के घाट उतार देते हैं जब वो उनके ऊपर बोझ बनने लगते हैं।
इस प्रथा की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि खुद परिजन ही अपने बच्चों से ऐसा करने के लिए कहते हैं, हालांकि जिस समय यह प्रथा निभाई जाती है उस दौरान गांव वाले इस बात का
ध्यान रखते हैं कि पुलिस और प्रशासन को इस बात की भनक ना लगे। सदियों से चली आ रही यह प्रथा बेहद ही खौफनाक और हैवानियत से भरी हुई है। भारत सरकार ने इस खौफनाक प्रथा को बैन किया हुआ है।