उन्हें लग रहा था कि इंग्लैंड में राजकुमारी डायना के प्रशंसक बढ़ते जा रहे होंगे। लेकिन ये क्या एक रात में सब कैसे बदल गया? नाओमी यकीन नहीं कर पा रही थीं उन्हें इस बात का अंदाज़ा भी नहीं था कि उनका एक बेटा भी होगा और वो सिंगल पेरेंट की ज़िम्मेदारी निभाएंगी। उनका सपना था कि वो पत्रकार बनें उनका बड़ा सा घर हो, लेकिन वो आज के समय एक सिंगल पेरेंट की भूमिका निभा रही थीं और खर्चे के लिए वो सरकार पर निर्भर थीं। वह बेरोज़गार थीं और मनोविज्ञान की पढ़ाई कर रही थीं जिसे पढ़ने के बारे में 15 साल की नाओमी ने सोचा भी नहीं था। उन्हें ये बड़ी हुई नाओमी पसंद नहीं आ रही थी। खुद को इस हालत में देख वो टूट गईं थीं और बहुत ही बेचैन थीं। दोस्तों और डॉक्टर की मदद से अब जब नाओमी अपने वर्तमान के साथ तालमेल बिठा रही थीं कि याददाश्त खोने के करीब 3 महीने बाद ही उनकी लाइफ में फिर बदलाव हुआ। गर्मी की रात वो सोई और सुबह उठी तो अपनी उसल उम्र में पहुंच चुकी थी। उसकी याददाश्त वापस आ गई थी। उन्हें एक बीमारी हो गई थी जिसका नाम डिसोसिएटिव एमनिज़िया है। अपने साथ इस घटना को लेकर नाओमी ने एक किताब भी लिखी थी जिसका नाम ‘द फ़ॉरगॉटन गर्ल’ है।