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इंसान की लाशों को लाकर खुले आसमान में महीनों छोड़ दिया जाता है, पीछे है रहस्यों का भंडार

Published: Jul 18, 2018 03:25:36 pm

Submitted by:

Arijita Sen

टेक्सस में एक ऐसी जगह है जहां मुर्दों को खुले में छोड़ दिया जाता है। यहां पर लाशों को एक लोहे के पिंजरे में डालकर छोड़ दिया जाता है।
 

Dead body

इंसान की लाशों को लाकर खुले आसमान में महीनों छोड़ दिया जाता है, पीछे है रहस्यों का भंडार

नई दिल्ली। आज हम आपको यूनाइटेड स्टेट्स के उस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां इंसान की लाश को खुली आसमान के नीचे महीनों छोड़ दिया जाता है। ऐसी कोई प्रथा या किसी समुदाय द्वारा नहीं किया जाता बल्कि सभ्य समाज के इंसानों के द्वारा ऐसा किया जाता है। आखिर ऐसा क्यों किया जाता है? इसके पीछे की वजह क्या है?

हम यहां बात कर रहे हैं यूनाइटेड स्टेट्स के दूसरे सबसे बड़े स्टेट टेक्सस के बारे में। टेक्सस में एक ऐसी जगह है जहां मुर्दों को खुले में छोड़ दिया जाता है। जी हां, यहां पर लाशों को एक लोहे के पिंजरे में डालकर छोड़ दिया जाता है।

अब आपको यही लग रहा होगा कि भला कोई व्यक्ति अपने किसी परिजन के लाश के साथ ऐसा करने की अनुमति क्यों देगा? बता दें, यहां पर या तो लावारिस लाशें लाई जाती हैं, या फिर कुछ ऐसे शव भी यहां आते हैं जिन्हें डोनेट किया जाता है।

Dead body

अब आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है? टेक्सस स्टेट यूनिवर्सिटी के ‘Scientists at The Forensic Anthropology Centre’ के अनुसार, यहां शवों को इसलिए खुले मे छोड़ा जाता है ताकि यह पता लग सके कि उन पर खुले वातावरण यानि कि हवा, पानी, नमक, नमीं इत्यादि का क्या प्रभाव पड़ता है? इसके साथ ही यह भी पता लगाया जाता है कि कितने दिनों के अंदर उस बॉडी में क्या-क्या चेंजेस आते है?

बता दें, यहां पर लाशों को करीबन 6 महीनों तक ऐसे ही खुले में छोड़ दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पुलिस और फॉरेंसिक लैब को इससे मदद मिल सके। जिन लोगों की मौत अज्ञात कारणों से होती है, जिनके मौत के असली कारणों का पता लगाना कभी-कभी मुश्किल हो जाता है, इन सबका पता लगाने में अकसर पुलिस या फॉरेन्सिक टीम के आगे काफी मुश्किलें आती है।

ऐसे में शवों पर किए गए इस प्रयोग से उन्हें काफी हद तक मदद मिलती है। यहां पर जिन डेड बॉडीज को रखा जाता है, उन बॉडीज से अज्ञात कारणों से हुए मौत वाले बॉडीज़ को कंपेयर किया जाता है ताकि सही कारणों का पता लगाने में कुछ हद तक मदद मिले।

testing

परीक्षण के बाद सारे सबूतों को एकत्रित करके उन्हें कोर्ट में पेश किया जाता है।यहां पर लाशों को रखने से पहले कुछ बातों का ख्याल निश्चित तौर पर रखा जाता है। एक तो डेड बॉडी का वेट 200 किलोग्राम से ज्यादा न हो और दूसरी बात यह कि उन्हें कोई संक्रामक बीमारी न हो। इससे सटीक परीक्षण नहीं हो पाता है। बता दें, यहां पर अभी लगभग 70 डेड बॉडी रखे हुए हैं जिन पर सांइटिस्ट्स अपना परीक्षण करते रहते हैं।

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