इतनी घट जाती है गर्मी-
पेंट की सफेदी के असर को शोधकर्ताओं ने बाहरी परिवेश में परखा। रात में आसपास के परिवेश की तुलना में पेंट की गई सतह 19 डिग्री फारेनहाइट अधिक ठंडी पाई गई। वहीं दोपहर की चिलचिलाती धूप में इससे पेंट की गई सतह, अपने आसपास के तापमान से 8 डिग्री फारेनहाइट कम पाई गई। फिलहाल, पेंट पर और प्रयोग चल रहे हैं। इसके बाद इसका वाणिज्यिक उत्पादन किया जा सकता है।
कैसे बना यह पेंट ‘सबसे सफेद’ –
इस पेंट के ‘सबसे सफेद’ होने के पीछे दो वजह हैं। पहली, पेंट में बेरियम सल्फेट रासायनिक यौगिक की उच्च सांद्रता है, जिसका उपयोग फोटो पेपर व सौंदर्य प्रसाधन की सफेदी में होता है। दूसरा कारण यह है कि टीम ने इस रासायनिक यौगिक के विभिन्न आकार के कणों का उपयोग किया है, सभी आकार अलग-अलग मात्रा में प्रकाश परावर्तित करते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि पेंट अधिक से अधिक प्रकाश को परावर्तित करे।