क्या ख़ास है इस आलू में? इस जामुनी आलू को बनाने में पूरे पांच साल लग गए। इन पांच वर्षो में कृषि-वैज्ञानिकों ने आलू की करीब 20 नई किस्में बनाकर तैयार कर दीं। इस जामुनी रंग के आलू में विटामिन सी की मात्रा तीन गुना ज्यादा और ऑक्सीकरण निरोधक तत्व चार गुना ज्यादा हैं। ये ऑक्सीकरण निरोधक तत्व ही बुढ़ापे की प्रक्रिया को रोकते हैं। बीमारियों से बचाने के लिए इन आलू को पहले टेस्ट ट्यूब में तैयार किया जाा है और बाद में पौधे को खेत में लगाया जाता है।
आखिर ये आलू जामुनी क्यों है? वैज्ञानिकों ने मानव हित के लिए क्या कुछ नहीं बनाया हैं, जो हमारी रक्षा के साथ-साथ हमारी ताकत व जवानी बरकार रखने में सक्षम होता हैं। ऐसा ही कुछ इस आलू में है, सामान्य आलू के मुकाबले इन आलू में अरारोट की मात्रा बहुत कम होती है। इसी कारण इसका रंग जामुनी हो गया है, लेनिक खाने पर इसका स्वाद आलू वाला ही है। जामुनी रंग के इस आलू को जंगली आलू और सामान्य आलू से बनाया गया है। उबालने पर भी इसका रंग वैसे ही चमकदार और जामुनी बना रहता है।