दरअसल, जब इस मकान की खुदाई हो रही थी तो इस दौरान मजदूरों को एक सुरंगनुमा जगह दिखाई दी। मकान के नीचे स्थित सुरंग के मुहाने को देखकर सभी आश्चर्यचकित हो गए। लंढौर क्षेत्र के रामलीला मैदान के पास स्थित इस मकान की सुरंग ने सभी को हैरानी में डाल दिया है।
लोगों का कहना है कि, यह सुरंग लंढौरा राजमहल तक जाती थी। कायस्थान नामक मोहल्ले में बना यह मकान तत्कालीन राजा मंगल सैन के दीवान साहब का हुआ करता था। लंढौरा रियासत से भी इस मकान का संबंध है।
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, भारत-पाक विभाजन के समय पाकिस्तान से जो लोग भारत आये तो उनमें से कई परिवारों ने इस मकान में शरण ली थी। यहां रहने के बाद उन्हें यह जगह इतनी पसंद आई कि वे यहीं रह गए।
इसके बाद यह संपत्ति किसी एक व्यक्ति के नाम पर अभिलेखों में दर्ज हो गई। बाद में भू-माफियाओं ने इसमें दखल अंदाजी शुरू कर दी। उस समय वहां पर रहने वाले परिवारों को मुआवजा आदि देकर निकाल दिया, आज भी मंगू नाम का एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ उस पर काबिज है।
इस मकान को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि खुदाई के दौरान यहां से एक तलवार भी मिली है और साथ ही कुछ सिक्के भी बरामद हुए हैं। हालांकि इन बातों की अभी भी पुष्टि नही हो पाई है।स्थानीय निवासियों का कहना है कि, पुराने समय में इसी के जरिए मंगलोर को लंढौरा से जोड़ा जाता था।