मेहलानी मार्टिनेज एक दुर्लभ विकार से पीड़ित है, जिसे एक्सनफेल्ड-गीजर सिंड्रोम कहा जाता है। यह सिंड्रोम दो लाख में से किसी एक बच्चे को ही होता है। इस सिंड्रोम से पीड़ित लोगों की आंखों की आयरिश छोटी होती हैं या कई बार नहीं भी हो सकती हैं। जिससे ऐसा लगता है कि आंख में रंगीन हिस्सा नहीं है, लिहाजा आंखों की पुतली बड़ी हो जाती है। आंख के केंद्र में छेद होता है, जिसे पुतली कहा जाता है। पुतली के बडे़ होने की स्थिति वाले बच्चे आमतौर पर प्रकाश के प्रति ज्यादा ही संवेदनशील होते हैं। दरअसल, पुतली से ही प्रकाश आंख में जाता है। यही कारण है कि मेहलानी को हर समय धूप का चश्मा पहनना पड़ता है।