scriptकेसर रंग में रंगा था शौचालय, जनता मंदिर समझ करने लगी पूजा-पाठ | UP People mistook toilet for temple pray in front of it | Patrika News

केसर रंग में रंगा था शौचालय, जनता मंदिर समझ करने लगी पूजा-पाठ

locationनई दिल्लीPublished: Nov 08, 2019 04:54:31 pm

Submitted by:

Piyush Jayjan

केसरिया रंग में रंगा था शौचालय
जनता मंदिर समझ करने लगी पूजा-अर्चना
भ्रम की वजह से शौचालय को मंदिर समझ बैठी जनता

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Saffron colour toilet

नई दिल्ली। भारत जैसे देश में जब बात आस्था की हो तो लोग आंख मूंदकर विश्वास करने से भी नहीं कतराते हैं। कहने को तो ये वाकया थोड़ा अज़ीब है मगर लोग आस्था के नाम पर खुद की सुनते कहां हैं। दरअसल एक ऐसी ही दिलचस्प घटना उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में देखने को मिली।

हमीरपुर क्षेत्र के लोग केसरिया रंग में रंगे जिस भवन के दरवाजे के बाहर पूजा करते थे, वह भवन मंदिर के बजाय एक शौचालय निकला। हमीरपुर जिले के मौदहा के निवासी एक वर्ष से भी ज्यादा वक्त तक इस भवन के बंद दरवाजे के बाहर पूजा-अर्चना कर रहे थे।

इसमें सबसे हैरानी करने वाली बात तो ये है कि किसी को यह भी जानकारी नहीं थी न तो भवन में कोई मूर्ति रखी थी और न ही वो मंदिर था। जब इसके बारे में यहां के एक स्थानीय नागरिक से बात की गई तो पता चला कि ये भवन सामुदायिक परिसर में स्थित है।

इसे भवन को केसरिया रंग में रंगने के साथ ही इसे मंदिर की तरह आकार दिया गया था। इस वजह से लोग इसे मंदिर मानते थे और किसी ने भी इस बारें में एक-दूसरे से बात करना उचित समझा। लोगों को इस बारें में तब पता चला जब एक अधिकारी ने बताया कि वास्तव में यह एक शौचालय है।

भवन के इस केसरिया रंग की वजह से ही लोगों ने गलत अनुमान लगाया और इसलिए लोग यहां पूजा-पाठ करने लगे। इसके बाद भवन को गुलाबी रंग में रंग दिया गया है ताकि लोगों का भ्रम दूर हो सकें। वहीं रिपोर्टों के अनुसार, शौचालय का उद्घाटन हुए एक साल से अधिक समय बीत हो चुका है, लेकिन उस पर ताला लगा रहा।

खैर अब जब अगली बार आप भी लोगों की देखा-देखी करने की कोशिश करे तो एक बार ये जरूर सोच लीजिए कि कहीं आप भी तो इस तरह की बेवकूफकाना हरकत का शिकार तो नहीं होने जा रहे है इसलिए सुनी सुनाई बातों की जगह खुद से सोच समझकर फैसले करने चाहिए।

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