हमीरपुर क्षेत्र के लोग केसरिया रंग में रंगे जिस भवन के दरवाजे के बाहर पूजा करते थे, वह भवन मंदिर के बजाय एक शौचालय निकला। हमीरपुर जिले के मौदहा के निवासी एक वर्ष से भी ज्यादा वक्त तक इस भवन के बंद दरवाजे के बाहर पूजा-अर्चना कर रहे थे।
इसमें सबसे हैरानी करने वाली बात तो ये है कि किसी को यह भी जानकारी नहीं थी न तो भवन में कोई मूर्ति रखी थी और न ही वो मंदिर था। जब इसके बारे में यहां के एक स्थानीय नागरिक से बात की गई तो पता चला कि ये भवन सामुदायिक परिसर में स्थित है।
इसे भवन को केसरिया रंग में रंगने के साथ ही इसे मंदिर की तरह आकार दिया गया था। इस वजह से लोग इसे मंदिर मानते थे और किसी ने भी इस बारें में एक-दूसरे से बात करना उचित समझा। लोगों को इस बारें में तब पता चला जब एक अधिकारी ने बताया कि वास्तव में यह एक शौचालय है।
भवन के इस केसरिया रंग की वजह से ही लोगों ने गलत अनुमान लगाया और इसलिए लोग यहां पूजा-पाठ करने लगे। इसके बाद भवन को गुलाबी रंग में रंग दिया गया है ताकि लोगों का भ्रम दूर हो सकें। वहीं रिपोर्टों के अनुसार, शौचालय का उद्घाटन हुए एक साल से अधिक समय बीत हो चुका है, लेकिन उस पर ताला लगा रहा।
खैर अब जब अगली बार आप भी लोगों की देखा-देखी करने की कोशिश करे तो एक बार ये जरूर सोच लीजिए कि कहीं आप भी तो इस तरह की बेवकूफकाना हरकत का शिकार तो नहीं होने जा रहे है इसलिए सुनी सुनाई बातों की जगह खुद से सोच समझकर फैसले करने चाहिए।