चिता में तब्दील किए गए सभी दांतों का कुल वजन 105 टन बताया गया। दांत आकार और वज़न में इतने भारी हैं कि एक दांत को उठाने के लिए दो-दो आदमियों को लगना होता है। इसके अलावा 1.35 टन वजन के गैंडे के सीघों और कुछ अन्य जानवरों की खालों की भी चिता तैयार की गई। जिनमें चंदन की लकड़ी और जड़ी बूटियां भी शामिल थी।
गौरतलब है कि अफ्रीकी सरकार वन्य जीवों से जुड़े उत्पादों की अवैध तस्करी को रोकने के लिए काफी कोशिश कर रही है। लेकिन हाथी दांत की तस्करी को रोकने के लिए असफल साबित होती रही है। सामाजिक कार्यकर्ताओं को डर है कि अगर हाथी दांतों की तस्करी के लिए इसी तरह उनका शिकार किया जाता रहा तो ये जानवर अगले 50 साल में विलुप्त हो जाएगा।
आपको बता दें कि हाथी दांतों का इस्तेमाल आभूषण या सजावट के सामान बनाने में होता है। इन दांतों की चीन में काफी मांग है। इसलिए इनकी कीमत लाखों डॉलर्स में आंकी जा रही है।