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इस परिवार ने घर में पाले थे तीन-तीन शेर, इतिहास के पन्नों पर आज भी दर्ज है एक काली रात

locationनई दिल्लीPublished: Mar 05, 2019 03:37:10 pm

Submitted by:

Priya Singh

1000 स्क्वायर फीट में फैला एक चिड़ियाघर के समान था
इस घर में इंसानों के साथ रहते थे जानवर
शेरों ने इस परिवार को प्यार के साथ-साथ शोहरत भी दिलाई

what happened to the family who owned a huge pet lion

इस परिवार ने घर में पाले थे तीन-तीन शेर, इतिहास के पन्नों पर आज भी दर्ज है एक काली रात

नई दिल्ली। 1970 में बाकू शहर का Berberov परिवार पूरे सोवियत यूनियन में मशहूर था। इस परिवार के मशहूर होने की वजह इस परिवार का एक सदस्य ही था। Berberov परिवार के घर की बात करें तो वह 1000 स्क्वायर फीट में फैला एक चिड़ियाघर के समान था। कुत्ते, बिली, सांप जैसे कई जानवर इस घर में बड़े आराम से रहते थे। फिर जब वे अपने घर एक घायल शेर के बच्चे को लाए तो किसी को हैरानी नहीं हुई। संयोग से Berberov परिवार के मुखिया का नाम लियो ( Lion ) था। जब यह शेर का बच्चा घर लाया गया था तब उसके पंजों में लकवा मार गया था। Berberov परिवार ने उसकी खूब सेवा की और एक दिन वह अपने पैरों पर खड़ा हो गया। इस परिवार ने उस शेर के बच्चे को किंग नाम दिया। देखते ही देखते एक साल के अंदर किंग ने एक विशाल शेर का रूप ले लिया। वह कभी लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाता था। किंग के बिना Berberov परिवार अधूरा था।

huge pet lion

घर के बच्चे किंग के साथ ऐसे खेला करते थे जैसे वह उनका ही छोटा भाई हो। एक बार लियो ने किंग को ज़ू को देने की सोची लेकिन उसने जाने से इंकार कर दिया। किंग को Berberov परिवार की आदत हो गई थी। जल्दी ही किंग के लिए फिल्म में काम करने के ऑफर आने लगे। सब कुछ अच्छा जा रहा था Berberov परिवार फिल्मों में आने लगा था। अब हर कोई इस परिवार को जानने लगा था। किंग ने प्यार के साथ-साथ उन्हें शोहरत भी दिलाई। एक दिन सेंट पीटर्सबर्ग सिटी में Berberov परिवार एक फिल्म की शूटिंग करने गया था। वह दिन उनकी ज़िंदगी का सबसे भयानक दिन था। अलेक्जेंडर नाम के एक पुलिसवाले ने किंग को खतरनाक समझकर उसपर गोली चला दी। पूरा परिवार गम में डूब गया। किंग अब इस दुनिया में नहीं था।

leo with king

कई दिनों तक घर में सन्नाटा पसरा रहा। इसके बाद Berberov परिवार ने एक और शेर गोद लेने की सोची और उसे किंग 2 का नाम दिया। किंग 2 के साथ-साथ इस परिवार ने एक माउंटेन लायन को भी गोद लिया जिसे लाला नाम दिया। कुछ समय बीता लेकिन लाला और किंग 2 का वो रिश्ता Berberov परिवार से कायम नहीं हो पाया जैसा किंग का था। दोनों केवल लियो की ही बात माना करते थे, लेकिन 1978 में लियो को दिल का दौरा पड़ा और वह Berberov परिवार को इन दोनों के साथ अकेला छोड़कर चले गए। लियो के मरने के बाद उनकी पत्नी नीना कुछ दिनों से सोच ही रही थीं कि दोनों शेरों को ज़ू के हवाले कर दें लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।

lala

1980 की उस शाम नीना को लाला की ज़ोर से घुर्राने की आवाज़ें आ रही थीं। उन्होंने जाकर देखा तो कोई शराबी लाला को पत्थर मार रह था। नीना ने उसे भगाया और अंदर चली गईं। लेकिन शेर अभी भी परेशान था। तभी एक औरत वहां से गुज़री उसपर परेशान और गुस्से से भरी लाला ने हमला बोल दिया। उसे बचाने के चक्कर में एक 14 साल के बच्चे को कुर्बानी देनी पड़ी। यह बच्चा कोई और नहीं रोमा था नीना का बेटा। हादसे को देखने वालों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आते ही किंग 2 और लाला को गोली मार दी। पति और बेटे को अपने सामने मरते देखने वाली नीना लाला और किंग 2 को इस बात का दोषी नहीं मानतीं, लेकिन उनके जाने का गम उन्हें हमेशा खलता रहा।

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