scriptजानें क्या है अलग-अलग देशों की सभ्यताओं में सूर्यग्रहण से जुड़ी अनोखी बातें | what is ring of fire and what kind of legends various culture cherish | Patrika News

जानें क्या है अलग-अलग देशों की सभ्यताओं में सूर्यग्रहण से जुड़ी अनोखी बातें

locationजयपुरPublished: Jun 20, 2020 08:27:57 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

भारत में 21 जून को सूर्यग्रहण आग के छल्ले की तरह नजर आएगा। इसे रिग ऑफ फायर भी कहते हैं। वैसे दुनिया में पृथ्वी पर सक्रिय ज्वालामुखियों में सबसे अधिक इंडोनेशिया के आसपास के क्षेत्र में पड़ते हैं। ज्वालामुखियों की इसी संख्या के कारण इस इलाके को रिंग ऑफ फायर कहा जाता है। इन सक्रिय ज्वालामुखी इतनी अधिक होने के कारण पृथ्वी पर आनेवाले भूकंप में 75 फीसदी यहीं आते हैं।

जानें क्या है अलग-अलग देशों की सभ्यताओं में सूर्यग्रहण से जुड़ी अनोखी बातें

जानें क्या है अलग-अलग देशों की सभ्यताओं में सूर्यग्रहण से जुड़ी अनोखी बातें

रविवार को देश के कुछ हिस्सों में सूर्यग्रहण बिल्कुल साफ नजर आएगा तो कुछ हिस्सों में लोग इसे आंंशिक रूप से ही देख पाएंगे। वलयाकार दिखाई पडऩे वाले इस बार के सूर्यग्रहण को कई मायनों में खास माना जा रहा है। खगोल विज्ञानियों का कहना है कि भारत में यह आग के गोले या रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) के रूप में नजर आएगा। हालांकि पिछले साल 26 दिसंबर की तरह इस बार रिंग ऑफ फायर उतनी प्रमुखता से नहीं दिखेगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के एक सीधी रेखा में आने पर नजर आता है। दरअसल, इस बार चांद सूरज को पूरी तरह से ढकेगा नहीं बल्कि सूरज उसके पीछे से झांकता रहेगा। यह नजारा आग के चमकदार छल्ले जैसा नजर आने वाला है और इसलिए इसे रिंग ऑफ फायर नाम दिया गया है।
जानें क्या है अलग-अलग देशों की सभ्यताओं में सूर्यग्रहण से जुड़ी अनोखी बातें
कोरोना ने ठंडा किया उत्साह
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि सूर्यग्रहण हमेशा से ही एक आकर्षक और महत्त्वपूर्ण खगोलीय घटना रही है। इसे देखने के लिए शौकिया खगोलविज्ञानी, साइंस के स्टूडेंट्स, प्रकृति प्रेमी और आमजन भी पूरी तैयारी करते हैं। अपने शहर में दिखाई न पडऩे पर ये एक शहर से दूसरे शहर जाने से भी नहीं चूकते। लेकिन इससाल कोरोना वायरस के चलते यह उत्साह ठंडा पड़ा हुआ है। अफ्रीकी देश सूडान में सबसे पहले नजर आने वाला यह सूर्यग्रहण इसा बार ज्यादातर लोग ऑनलाइन, समाचार चैनलों और अपने घर एवं छतों से ही देखेंगे। सामूहिक रूप से आयोजित होने वाली गतिविधियां इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के चलते नहीं हो पाएंगी। गौरतलब है कि इस रविवार के बाद अगले साल 2021 में रिंग ऑफ फायर बनेगा जिसे सिर्फ आर्कटिक महाद्वीप से ही से देखा जा सकेगा।
जानें क्या है अलग-अलग देशों की सभ्यताओं में सूर्यग्रहण से जुड़ी अनोखी बातें
अलग-अलग सभ्यताओं में सूर्यग्रहण
अलग-अलग देशों और विभिन्न सभ्यताओं में सूर्यग्रहण से जुड़ी अनेकों कथाएं और किस्से-कहानियां प्रचलित हैं। हिंदू धर्म में राहु-केतु नामक दो दैत्यों के अमृत मंथन की पौराणिक कथा प्रचलित है। पश्चिमी एशिया में सूर्यग्रहण को सूरज को निगलने वाले दानव के रूप में जाना जाता है। चीन में मान्यता है कि सूरज को निगलने की कोशिश करने वाला दरअसल स्वर्ग का एक कुत्ता है। वहीं पेरू के लोगों की मान्यता है कि एक विशाल प्यूमा (शेरों की प्रजाति का छोटा सदस्य) सूर्य को निगलने आता है। ऐसे ही स्कॉटलैंड की वाइकिंग सभ्यता में मान्यता थी कि ग्रहण के समय आसमानी भेडि़ओं का जोड़ा सूरज पर हमला करता है। वहीं मध्यकालीन यूरोप में प्लेग और युद्धों से त्रस्त जनता इसे बाइबल के प्रलय से जोड़कर देखती थी।
जानें क्या है अलग-अलग देशों की सभ्यताओं में सूर्यग्रहण से जुड़ी अनोखी बातें
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो