Peacock Tattoo: लड़की का नाम “मोर टैटू वाली लड़की” रखा गया
संदीग्ध रुप से मिला नीतू का शव
तीन दिन तक शव गृह में रखा गया बैग में पड़ा शव
जब अपराधी मिला मृत हालत में तो पुलिस ने बंद कर दिया केस को, जानें क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली: देश country की राजधानी दिल्ली delhi की एक बड़ी ही ‘अनसुलझी हत्या मामले’ को अब बंद कर दिया गया है क्योंकि दिल्ली पुलिसDelhi police की अपराध शाखा ने मुख्य आरोपी को गुरुग्रामGurugram के एक निजी अस्पताल में मृत पाया। इस मामले ने फरवरी 2011 में सुर्खियां बटोरी थी। इस मामले को “मोर टैटू वाली लड़की” कहा गया। यह वह समय था जब अपराध लेखक स्टेग लार्सन के मिलेनियम त्रयी अभी भी बहुत लोकप्रिय थे। हालांकि, मृतक की पहचान बाद में नीतू सोलंकी के रूप में हुई। उसका शव एक बैग में पाया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया था कि 11 फरवरी 2011 की सुबह एक युवक एक ऑटोरिक्शा से उतर गया और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के मुख्य रास्ते पर बैग छोड़ गया।
वहीं जब दिल्ली पुलिस ने ये बैग खोला तो एक युवती का क्षत विक्षत शव इस बैग में मिला। ऐसे में पुलिस को एकमात्र सुराग उसके पेट पर एक मोर का टैटू मिला था। तीन दिनों तक शव को शवगृह में रखा गया लेकिन उसकी पहचान करने के लिए कोई नहीं आया। जिस दिन पुलिस ने अंतिम संस्कार किया उसी दिन नीतू के पिता ने पुलिस से मुलाकात की और तस्वीरों से अपनी बेटी की पहचान की। नीतू के माता-पिता पश्चिमी दिल्ली में रहते थे। उनके पिता का डेयरी और प्रॉपर्टी का कारोबार था। वह एक उज्ज्वल छात्र थी और दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से कानून स्नातक थी। लेकिन कानून में अपना कैरियर बनाने के बजाय वो एक कॉल सेंटर में काम करने लगी थी। इस दौरान उसने तीन बार अपनी नौकरी बदली और बड़े कॉल सेंटरों जैसे कन्वर्गिस आदि में काम किया। मार्च 2010 में गुरुग्राम में एक कॉल सेंटर में काम करते हुए उसने अपने माता-पिता से कहा कि उसे सिंगापुर से नौकरी का ऑफर मिला है।
इसके बाद अप्रैल 2010 में वह सिंगापुर के लिए रवाना हुई और एक वेब कैम और बैंगलोर में मोबाइल फोन का उपयोग करके परिवार के संपर्क में रही। हालांकि, जल्द ही उसकी कॉलें आना बंद हो गई और महीनों तक परिवार को उसके ठिकाने का पता नहीं चला। हत्या के कुछ दिन पहले उसने अपनी छोटी बहन से वेबकैम पर बात की थी। जब उसकी बहन ने उसके सिर पर चोट के निशान के बारे में पूछताछ की तो नीतू ने जवाब दिया कि वह एक आकस्मिक घटना के कारण हुआ है। वहीं क्राइम ब्रांच ने मृतक की पहचान करने के बाद ने पाया कि नीतू सोलंकी कभी सिंगापुर नहीं गई थी, बल्कि वो दिल्ली में अपने प्रेमी राजू गहलोत के साथ रह रही थी।
पुलिस के मुताबिक, दोनों एक पार्टी में मिले थे। इन दोनों को एक कॉमन फ्रेंड ने मिलवाया था। राजू ने एक निजी संस्थान से फ्रेंच में डिप्लोमा किया था और एयर इंडिया में केबिन क्रू के रूप में कार्यरत था। दोस्ती के बाद दोनों बहुत करीब आ गए। वहीं उसने अप्रैल 2010 में किसी को बताए बिना ही एयर इंडिया छोड़ दिया। साथ ही इस डर से कि उनके परिवार उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे दोनों ने मुंबई में रहना शुरू कर दिया। बाद में वो गोवा और बेंगलुरु चले गए। हालांकि, दोनों जल्द ही पैसे की कमी की वजह से दिल्ली लौट आए।
इसके बाद दिल्ली में उन्होंने दो बार अपना रहना का पता बदला और अंत में आश्रम (दक्षिण-पूर्वी दिल्ली) के हरिनगर चले गए। राजू ने फर्जी पहचान पत्र बनाया और इसी के जरिए घर किराए पर लिया। यही नहीं उसने दो महीने का किराया पहले ही चुका दिया था। क्राइम ब्रांच ने पाया कि दंपति ने हरिनगर में रहने के दौरान किसी से भी बातचीत नहीं की। 10 -11 फरवरी 2011 की रात में नीतू और राजू में फिर से झगड़ा हुआ। इस पर राजू ने उसे किसी नुकीली चीज से मारा जिस पर नीतू बेहोश हो गई। राजू यही नहीं रूका और उसने उसका गला घोंट दिया और उसके शरीर को काट दिया। अपराध करने के तुरंत बाद उसने अपने चचेरे भाई नवीन शोकन को फोन किया और उसे बताया कि उसने नीतू की हत्या कर दी है। बाद में नवीन को एक आरोपी को शरण देने के लिए गिरफ्तार भी किया गया था।
इसके बाद राजू कहाँ गायब हो गया इसके बारे में किसी को पता नहीं चला। क्राइम ब्रांच ने गोवा, मुंबई में कई छापे मारे लेकिन उनके हाथ राजू नहीं लगा। ऐसी खबरें थीं कि वह नेपाल भाग गया था और वहीं पुलिस ने अपनी जांच भी धीमी कर दी थी क्योंकि उसके चाचा उसी विभाग में थे। मामले में अंतिम सफलता आठ साल बाद मिली। जब मंगलवार शाम को उनके माता-पिता जिनके फोन अभी भी अपराध शाखा द्वारा निगरानी में थे को एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को अपने लापता बेटे राजू गहलोत के रूप में बताया। उसने अपने माता-पिता को बताया कि वह मर रहा है और उसे गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं जब क्राइम ब्रांच की टीम अस्पताल पहुंची, तो राजू का पहले ही निधन हो गया था। ऐसे में राजधानी दिल्ली में कई अनसुलझे हत्या के मामलों में से एक यानि इस मामले को भी बंद कर दिया।