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क्यों राजा पूरनमल सिंह को मारना पड़ा अपनी ही पत्नी को?

locationनई दिल्लीPublished: Sep 15, 2021 01:13:25 pm

Submitted by:

Tanya Paliwal

जानिए एक हैरतअंगेज कहानी जब एक साहसी राजा ने अपनी रानी की रक्षा हेतु उसका सिर धड़ से अलग कर दिया।

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नई दिल्ली। भारत का इतिहास ढेरों समृद्ध गाथाओं से भरा हुआ है। भले ही आज उन राजाओं का अस्तित्व नहीं है, जिन्होंने अपने पराक्रम द्वारा दुश्मन को धूल चटा दी हो, परंतु उनके महल और किले आज भी उनकी वीरता को बयां करते हैं।

भारत के लोगों तथा पर्यटकों के लिए यह किले गौरव का प्रतीक तो हैं ही साथ ही उनसे जुड़ी कुछ रहस्यमई कहानियां लोगों को आश्चर्यचकित कर देती हैं।

आज हम एक ऐसे ही किले से जुड़ी कहानी बताने जा रहे हैं जिसके राजा ने स्वयं ही अपनी रानी का सिर कलम कर दिया। दरअसल यह कहानी है बेहतरीन गुणवत्ता तथा वास्तुकला की गवाही देने वाले रायसेन के किले की।

 

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इस किले पर शासन करने वाले राजाओं में से एक शेरशाह सूरी भी था। यद्यपि इस किले पर फतह हासिल करने में उसके पसीने छूट गए थे। लगातार चार महीनों की मशक्कत के बाद भी शेरशाह सूरी इस किले पर विजय नहीं प्राप्त कर पाया था। कहा जाता है कि इस किले को हासिल करने के लिए शेरशाह सूरी ने तांबे के सिक्कों को गलवाकर तोपें बनवाईं थी, जिनके कारण ही उसे जीत मिली थी।

लेकिन आपको बता दें कि 1543 ईस्वी में छल-कपट द्वारा रायसेन का किला जीता था। उस वक्त इस किले के राजा पूरनमल सिंह थे। और फिर पूरनमल सिंह को जैसे ही इस बात का अंदाजा हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है, तो राजा ने एक ठोस कदम उठाते हुए अपनी पत्नी रानी रत्नावली हो दुश्मनों से बचाने के लिए स्वयं ही तलवार से उनका सिर काट दिया।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित रायसेन का किला कई सदियां बीत जाने के बाद भी आज भी गरिमा की चादर ओढ़े हुए है। यह किला बलुआ पत्थर द्वारा बनाया गया था। रायसेन के किले के चारों ओर बड़ी-बड़ी चट्टानों दीवारें हैं, जिनके 9 द्वार तथा 13 बुर्ज है।

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