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सन 1858 में हुई इसकी खोजदल ने इस मक्खी पर इंडोनेशिया के नम जंगलों में सालों तक अध्ययन किया। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने इस जीव को खनन जैसे उद्योगों के कारण लुप्तप्राय बताया है। इससे पहले वैलेस बी को सिर्फ दो और लोगों ने देखा है। पहला एक ब्रिटिश प्राकृतिकविद अल्फ्रेड रसेल वैलेस थे जिसने इंडोनेशिया के ऊष्णकटिबंधीय बेकन द्वीप में इस विशालकाय मक्खी की 1858 में खोज की थी और दूसरा एक कीट विज्ञानी एडम मेसर थे जिसने इसे 1981 में देखा।
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बता दें कि इस मधुमक्खी की मादा प्रजाति की लंबाई 38 मिमी (1.5 इंच) तक हो सकती है। इसका पंख 63.5 मिमी (2.5 इंच) होता है, लेकिन नर केवल 23 मिमी (0.9 इंच) लंबे होते हैं। माना जाता है कि यह सबसे बड़ी जीवित मधुमक्खी प्रजाति है, और वर्णित सबसे बड़ी मधुमक्खी प्रजाति बनी हुई है। इसका आकार अमूमन एक वयस्क के अंगूठे जितना होता है।
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