ज्यादातर पेड़ों पर रहने वाले इन मेंढकों पर जब शोधकतार्ओं ने पराबैंगनी किरणों से युक्त एक फ्लैशलाइट से इस मेंढक पर रोशनी फेंकी, तो लाल की जगह उनके अंदर से गहरे हरे और नीले रंग का प्रकाश परावर्तित होने लगा।
शॉर्ट तरंगदैर्ध्य पर प्रकाश को अवशोषित करने और लंबे तरंगदैर्ध्य पर उसे परावर्तित करने की यह प्रक्रिया पदार्थों में तो आम है, लेकिन जीवों के अंदर यह बहुत दुर्लभ मानी जाती है। उभयचर जीवों के अंदर अभी तक यह गुण नहीं पाया गया था।
शोधकतार्ओं ने पाया कि दक्षिणी अमेरिका के ये पोल्का निशान वाले मेंढक बाकी किसी भी जानवर की तुलना में बिल्कुल अलग तरीके से परावर्तन प्रक्रिया का यूज करते हैं। हालांकि समुद्र में पाए जाने वाले कई जलीय जीवों में यह गुण पाया जाता है। कोरल्स, मछलियां, शार्क और यहां तक कि कछुए की एक प्रजाति में भी यह गुण पाया जाता है। स्थलीय जीवों में अभी तक एक तोते की प्रजाति और कुछ मकडिय़ों में यह परावर्तन का गुण पाया जाता है।