scriptविश्व की सबसे बड़ी गुफा मछली, जो रहती है जमीन के 300 फुट नीचे | World's largest cave fish, which lives 300 feet below ground | Patrika News

विश्व की सबसे बड़ी गुफा मछली, जो रहती है जमीन के 300 फुट नीचे

locationनई दिल्लीPublished: Feb 15, 2020 05:19:31 pm

Submitted by:

Pratibha Tripathi

विश्व में जमीन के अंदर रहने वाली इऩ मछलियों की 250 प्रजातियां अब तक दर्ज हैं
पहली बार 2019 में जीवविज्ञानी डेनियल हैरिस ने इन्हें देखा था।

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नई दिल्ली। “मछली जल की रानी है जीवन उसका पानी है” इस कविता के बारे में हम सभी जानते है। क्योकि छोटे से ही पढ़ते आ रहे है कि मछली का जीवन पानी है। लेकिन क्या आप जानते है कि मछलियों की कुछ प्रजातियां ऐसी भी हैं जो खुले पानी में ना रहकर गुफाओं में रहती है, पर ये बात सच है। दुनियाभर में इस तरह की भूमिगत मछलियों की 250 प्रजातियों की जानकारी अब तक पाई गई हैं, लेकिन भारत में पाई गई मछली सभी से आकार में काफी बड़ी है।

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विवरण-
नॉर्थईस्ट के सबसे ज्यादा वर्षा वाले राज्य मेघालय के डीप फारेस्ट की एक गुफा में दुनिया की सबसे बड़ी गुफा में रहने वाली मछली पाई गई है। इस मछली का वजन सामान्य गुफा मछली से काफी बड़ा यानी 800 ग्राम से 1 किलो के बीच है और आकार में लगभग डेढ़ फुट की है। ये फ़िश केवल जमीन के 300 फुट नीचे रहती है, यह जहां रहती है वहां ना तो धूप पहुँचती है और ना ही रोशनी होती है, ऐसे स्थान में रहने वाले जीव की आँखें तो होती हैं लेकिन वो वेस्टीजियल ऑर्गन की तरह होते हैं लिहाजा ये देख नहीं सकती हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने भूमिगत मछलियों की 250 प्रजातियों को सूचीबद्ध किया है, लेकिन खास बात यह है कि अब तक खोजी गई सभी मछलियों का आकार और वजन इस नई मछली की प्रजाति से 10 गुना छोटी है।

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नेशनल जियोग्राफी के रिसर्चर डैनियल हैरिस 2019 से पूर्वोत्तर की गुफाओं में शोध कर रहे है, हालांकि तब रिसर्च के लिए उपयुक्त समय और साधन दोनों नहीं थे, हैरिस दोबारा 2020 की जनवरी अपने साथ फोटोग्राफर रॉबी शोन को ले कर आये और उस दौरान गुफा में बिस्किट डाल कर मछली को पकड़ कर सैम्पल इकठ्ठा किया। आपको बतादें कि 20 साल से गुफा-फोटोग्राफी कर रहे शोन का दावा है कि गुफा के भीतर इतना बड़ा जीव उन्होंने पहली बार देखा है।
दुनिया में सबसे ज़्यादा बारिश वन हैं मेघालय में-
मेघालय में चेरापूंजी और मौसिनराम ऐसी जगह है जहां सबसे ज़्यादा बारिश होती है, ऐसे बारिश वैन में हैं ‘उम लडॉ’ और इसके जैसी कई गुफाएं, कुछ गुफाएं तो ऐसी हैं जहां कभी मानव कदम पड़े ही नहीं हैं, और भीषण बारिश की वजह से इन गुफाओं में घुसना संभव नहीं है, केवल सर्दी के मौसम में इन गुफाओं में घुसा जा सकता है।
गुफा में निवास करने वकले जीवों को ट्रोग्लोबाइट कहा जाता है। ऐसे जीव धीमी गति से अपना खाना पचाते हैं और अधिकतम ऊर्जा पैदा करते हैं, उनकी त्वचा पर पिग्मेंट नहीं होते जिससे वे रंगहीन होते हैं।
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