जी हां, इस पक्षी का नाम है कैसोवेरी। यह पक्षी कितना खतरनाक हो सकता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा भी सबसे खतरनाक पक्षी माना गया है। दुनिया के सबसे खतरनाक पक्षियों में शुमार कैसोवेरी के पैर के पंजे किसी खंजर से कम नहीं होते। कैसोवेरी के पैरों के अंगूठों में अंदर की तरफ छुरे जैसा एक पंजा होता है, जिससे यह इंसान के पेट को चीर कर रख सकती है। कैसोवेरी पक्षी अगर आक्रामक हो जाए तो यह सीधे हमला करके अपने शत्रुओं पर तेजी से पंजों से वार करती है।
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आपको बता दें कि सामान्य तौर पर ये पक्षी ऑस्ट्रेलिया और पश्चिमी अफ्रीका के गिनी देश में पाए जाते हैं। त्वचा पर नीले रंग के धब्बे वाली मादा कैसोवेरी का औसत वजन 59 किलोग्राम तथा नर कैसोवेरी का वजन 34 किलोग्राम तक हो सकता है। यह कैसोवेरी पक्षी युगल रूप में अथवा पारिवारिक समूहों में रहती है। कैसोवेरी पक्षी में कुशलतापूर्वक तैरकर और चतुराई से मछली पकड़ने की बेहतर क्षमता होती है। यही कारण है कि इन्हें पानी के निकट रहना पसंद होता है।
कैसोवेरी की आंखें देखने में बहुत खतरनाक लगती है, जिन्हें देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि वह कभी भी हमला कर सकती है। साथ ही कैसोवेरी के सिर पर मुकुट जैसा बहुत ही आकर्षक लगने वाला केस्कूय होता है। यही केस्कूय इन्हें सिर पर चोट लगने से बचाता है।
इसके अलावा आपको जानकर हैरानी होगी कि, इतने खतरनाक और आक्रामक होने के बाद भी प्राचीन समय में लोग मांस और पंखों के लिए कैसोवेरी का पालन करते थे। लेकिन इस बात से बिल्कुल भी भ्रम में मत आइएगा, क्योंकि यह पक्षी कबूतर या मुर्गियों की तरह छोटा या पालतू नहीं, बल्कि बेहद बड़ा और हिंसक है और अपने अंडों के आसपास भी भटकने नहीं देता।
नर कैसोवेरी पक्षी अपना घोंसला लावारिस नहीं छोड़ते हैं। इसलिए अंडों की रक्षा करने के दौरान वे ज्यादा भोजन नहीं कर पाते हैं। हालांकि फिर भी शिकारियों के लिए तो इनका शिकार करना आसान होता है। वर्तमान में भी कैसोवैरी पक्षियों को पपाया न्यूगिनी में उनके पंखों के लिए पाला जाता है। और इन पक्षियों के अंडों को नेशनल फूड का दर्जा मिला है।