शोधकर्ताओं के अनुसार, उन दो जीवाश्मों में से एक धागे जैसा है, जबकि दूसरे की जटिल व मांसल संरचना है। स्वीडिश म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के प्रोफेसर स्टीफन बेंगस्टन का कहना है कि इस प्राचीन जीवाश्म के बारे में शत-प्रतिशत सुनिश्चित नहीं हुआ जा सकता, क्योंकि इसका कोई डीएनए शेष नहीं है, पर इसका लक्षण या विशेषता आकृति विज्ञान और लाल शैवाल की संरचना से मेल खाते है।
अभी तक धरती पर जीवन के जो सबसे साक्ष्य मिले हैं, वे 3.5 अरब वर्ष पुराने है, लेकिन वे एकल कोशिका वाले जीवों के है। पहले की खोजों में मिले बहुकोशिकीय जीव लगभग 60 करोड़ साल पहले के है।
वर्तमान खोज से पहले जिस लाल शैवाल की खोज हुई थी, वह 1.2 अरब वर्ष पुराना है। पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने में पौधों की बहुत बड़ी भूमिका होती है।