बता दें, कि सूमो जापान का राष्ट्रीय खेल है। इसके लिए बचपन से ही कठिन ट्रेनिंग की जरुरत पड़ती है।सूमो पहलवान बनने के लिए बचपन से ही प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाता है और 16 साल की उम्र तक एक सूमो पहलवान ? पूरी तरह से तैयार हो जाता है।
हम सभी को लगता है कि इन्हें बस दिन भर खाना खाना रहता है जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। खाना खाने के अलावा भी इन्हें कई तरह के और काम भी करने पड़ते हैं। सबसे बड़ी बात अपनी बॉडी को मेंटेन बनाए रखना कोई आसान काम नहीं है।
सबसे पहले बात करते हैं सूमो पहलवान की डायट के बारे में। एक सूमो पहलवान की डाइट काफी हेवी होती है। एक दिन में ये सिर्फ दो बार ही खाना खाते हैं, लेकिन उतने में ही ये करीब 10 हजार कैलोरी कंज्यूम कर लेते हैं।
यह इसलिए बहुत ज्यादा है क्योंकि एक साधारण आदमी यदि दिन भर में 5 टाइम संतुलित डाइट लें, तो भी वह 2000 कैलोरी खाएगा। ऐसे में सिर्फ दो बार में 10 हजार कैलोरी कंज्यूम करना वाकई में बहुत बड़ी बात है।
खाने में ये ज्यादातर मीट, डीप फ्राई फिश और राइस खाते हैं और बड़े-बड़े भगौने में हरी सब्जियों के सूप को ये मिनटों में सफाचट कर देते हैं।
हालांकि इतनी अधिक मात्रा में भोजन को पचाना काफी मुश्किल है। ज्यादा खाने की वजह से सूमो पहलवानों को सांस लेने में काफी दिक्कत आती है। इसीलिए इन्हें सोते वक्त ऑक्सीजन मास्क लगाकर सोना पड़ता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि इनकी दिनचर्या, खान-पान के चलते इनका जीवन कम होता है।
एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया कि, एक आम इंसान की जिंदगी के मुकाबले इनकी औसत आयु 10 साल कम होती है।