वैज्ञानिकों के इस शोध से इंसान की आंखों में होने वाले अंधेपन के इलाज में मदद मिलने की संभावना है। शोध से पता चलता है कि गामा एमीनोब्यूट्रिक एसिड (जीएबीए) एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जिसका उपयोग तंत्रिका गतिविधियों को शमित करने के लिए जाता है।
जीएबीए को रोककर एएमडी (एज रिलेटेड मैकुलर डिजेनेरेशन) का नया उपचार किया जा सकेगा। यह अंधेपन और रेटिनिटिस पिगमेंटोसा का सबसे सामान्य कारक है। वैज्ञानिकों के अनुसार मछलियों और स्तनधारियों के रेटीना की संरचना मूल रूप से समान होती है। इस तरह जीएबीए में कमी से रेटीना के फिर से बनने में मदद मिल सकती है।