वर्क एंड लाईफ

दोनों ही रिटायरमेंट पर प्लान करें अपना फ्यूचर

बैंक में पैसे जमा करवाने से बचत सुरक्षित रहने की संभावना रहती है, जबकि
घर में रखने से खर्च होने की

Mar 22, 2015 / 02:07 pm

प्रियंका चंदानी

अकसर घर की और बाहर की जिम्मेदारियों के बीच आप भूल जाते हैं कि इस नोकरी के बाद भी आपका कोई जिवन होगा और उस वक्त आपके पास वक्त ही वक्त होगा और आपको सब कुछ करने का भी मन होगा। नोकरी के साथ की जिम्मेदारियां रिटायरमेन्ट के बारे में सोचे जाने की संभावना को सीमित कर देता है। महिलाएं पुरूषों की तरह सोच नहीं पाती और पुरूष सोच कर भी कर नही कर पाते और इस च ीज के लिए अक्सर अपने जीवनसाथी पर निर्भर रह जाते है।

अपना मकान, आवागमन व्यय, स्वास्थ्य पर, सामाजिक दायित्वों पर, दैनिक आवश्यकताओं पर, व्यक्तिगत आवश्यकताओं आदि बिन्दुओं को ध्यान में रख कर रिटायरमेन्ट से बाद के जीवन की योजना बनाएं।
अन्य संभावित व्यय के बिन्दुओं को भी अपनी आवश्यकता के अनुसार जोड़ लें। कुछ पैसा इकट्ठा रहे और कुछ मासिक आमदनी के तौर पर आपको मिलता रहे, ऎसी योजना बनाएं।

बचत, निवेश और भविष्य के लिए मेडिक्लेम बीमा से रिटायरमेन्ट के बाद का जीवन प्लान कर सकते हैं।

बच्चों पर होने वाले संभावित खर्चो के लिए बच्चों के नाम कोई पॉलिसी ले सकते हैं, जिससे अचानक भार नहीं पड़ेगा।
सही मार्गदर्शन से म्यूचूअल फंड, बॉण्ड्स, राष्ट्रीय बचत स्कीम में निवेश कर सकते हैं।

सरकारी बैंकों व मान्यता प्राप्त बड़े बैंकों में जानकारी हासिल कर दोगुनी राशि मिलने तक की अवधि (5 वर्ष या अधिक) के लिए, निश्चित राशि को सावधि जमा करा सकते हैं। अगर पांच वर्ष में दोगुनी राशि मिलने की योजना है तो इसके अन्तर्गत प्रत्येक वर्ष लगातार पांच वर्षों तक निवेश करने से, पांच वर्ष बाद हर साल (पांच साल तक) परिपक्व राशि मिलेगी। पहली बार मिली परिपक्व राशि (दोगुनी हुई) को पुन: निवेश में डाल सकते हैं।

इनके अलावा प्रॉपर्टी में भी निवेश कर सकते हैं।
इन दिनों बैंकों व वित्तीय संस्थानों ने काफी योजनाएं चला रखी हैं, इनके प्रतिनिधियों से जानकारी हासिल कर अपना बचत प्लान चुन सक ते हैं।

इन्टरनेट से भी प्राथमिक जानकारी जुटा सकते हैं। अगर आपकी आय ज्यादा नहीं है तो एक बचत खाता खुलवा कर, जब भी आपके पास रू पए हों, उसमें जमा करवा कर बचत कर सकते हैं, बैंक में पैसे जमा करवाने से बचत सुरक्षित रहने की संभावना रहती है, जबकि घर में रखने से खर्च होने की।

यदि आपके रिटायरमेन्ट में वक्त कम बचा है तो भी ऎसा न सोचे कि वक्त निकल गया है, देर आए दुरूस्त आए, लम्बा-चौड़ा निवेश न सही, बचत एवं छोटे निवेश पर विचार कर सकते हैं और यदि युवावस्था में ही बचत की सोच रखते हों तो यह बहुत अच्छी बात है। आप चाहे किसी भी आय वर्ग के हों, आप बचत अथवा निवेश अथवा दोनों के माध्यम से जितना संभव हो, रिटायरमेन्ट के बाद के जीवन को गरिमापूर्ण बनाए रखने का प्रयास कर सकते हैं।

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