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राजमा अफ्रीका ने, मिर्च अमरीका ने व चावल दुनिया को दिया हमने

भारत में इस्तेमाल होने वाली बहुत सी खाद्य सामग्रियों का जन्म और विकास दूसरे देशों में हुआ हैं

Jun 27, 2016 / 12:02 pm

सुनील शर्मा

lifestyle news

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नई दिल्ली। आलू को हम सब्जियों का राजा कहते हैं। प्याज.. इतना जरूरी कि इसके लिए सरकारें गिर गईं। टमाटर.. इन दिनों महंगाई के लिए सबसे चर्चित सब्जी। कहने को तो यह और इन जैसी बाकी सब्जियां हमें पूरी तरह अपनी लगती हैं। अपनी मतलब भारतीय लेकिन हैरानी भरा सच यह है कि उत्तर भारत से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक हमारे देश में खाए जाने वाली एक तिहाई फल-सब्जियां-दलहन असल में हमारी नहीं विदेशी हैं। यह कालांतर में भारत में अलग-अलग जगहों से आईं। और अब यह भारतीय रसोई में इस तरह अपनी जगह बना चुकी है कि अपनी लगने लगी हैं। अर्थ सीधा सा है कि हमारी थाली में परोसे जाने वाले भोजन का एक तिहाई हिस्सा विदेशी मूल का है।

इंटरनेशनल सेंटर फॉर ट्रॉपिकल ऐग्रिकल्चर (सीआईएटी) के एक शोध में यह बात सामने आई है। भारत में इस्तेमाल होने वाली बहुत सी खाद्य सामग्रियों का जन्म और विकास दूसरे देशों में हुआ हैं। ये खाद्य सामग्रियां भारत में व्यापार और प्रवास के जरिये आई थीं। इतना ही नहीं भारत में कुल कैलोरी का 45 फीसदी हिस्सा विदेशी मूल की खाद्य सामग्री पर निर्भर है। यह सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं बल्कि दुनिया के सभी देशों में इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्रियां का बड़ा हिस्सा विदेशी मूल की हैं। वैश्विक रूप से दुनिया कैलोरी के लिए विदेशी मूल की खाद्य सामग्री पर 66 फीसदी निर्भर है।

ऐसे किया गया शोध
सीआईएटी के वैज्ञानिकों ने 177 देशों में कुल 132 प्रकार के खाद्य पदार्थों पर शोध किया। वैज्ञानिकों ने खाद्य पदार्थों की पुरातात्विक, भाषाई और आनुवंशिक रूप से जांच की।

सभी देशों के खाद्य पदार्थों में परस्पर निर्भरता पाई गई। शोध के मुताबिक, सदियों से मनुष्य प्रवास करता रहा है और व्यापार इसका प्रमुख कारण रहा। इस दौरान वे कई प्रकार के पौधों की प्रजातियों को भी अपने साथ ले जाते थे। शोध में यह भी पता चला कि दुनिया में सिर्फ 23 ऐसे क्षेत्र हैं जहां विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे पाए जाते थे। लेकिन अब
दुनिया के सभी देशों में एक समान पेड़-पौधों की प्रजातियां पाई जाने लगी हैं।

और हमने ये दिया
केला, काबुलि चना, दालचीनी, तिपतिया, नारियल, खीरा, खजूर, बैंगन, अदरक, नींबू, मसूर की दाल, आम, तरबूज, बाजरा, चावल, तिल, गन्ना, चाय, अरबी।

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