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मैरी कॉम: एक और स्वर्णिम सफलता

Published: Nov 09, 2017 03:26:57 pm

पांच बार की विश्व चैंपियन और वर्तमान राज्यसभा सांसद बॉक्सर एमसी मैरी कॉम ने एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप टूर्नामेंट में जापानी बॉक्सर…

Mary Kom

Mary Kom

– डॉ शिल्पा जैन सुराणा

मैरी कॉम आज किसी परिचय की मोहताज नही है, उन्होंने पूरे विश्व मे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। एक ऐसी महिला जिसने ये बताया कि माँ बन जाने के बाद एक लड़की की ज़िंदगी सिर्फ बच्चो या घर गृहस्थी तक सीमित नही रहती बल्कि वो अपने सपने जीने का उन्हें पूरे करने का हक़ रखती है।

संघर्षों के बावजूद उन्होंने कभी हार नही मानी, बॉक्सिंग का खेल जिसे लोगो ने कहा ये खेल भारतीयों महिलाओ के बस की बात नही, इस पूर्वाग्रह को न सिर्फ उन्होंने तोड़ा बल्कि विश्व विजेता औऱ ओलम्पियन भी बनी।मैरी कॉम के इसी किरदार को प्रियंका ने उनकी बायोपिक मैरी कॉम में जिया और उनका ये संघर्ष पूरे देश के सामने प्रस्तुत किया। इन दिनों ये कहा जा रहा था कि मैरी कॉम का करियर अब ढलान पर है उन्होंने फिर से अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है। मैरी कॉम ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में बुधवार को गोल्ड मेडल जीता। खिताबी मुकाबले में मैरी कॉम ने उत्तरी कोरिया की किम हयांग-मी को हराया।

पांच बार की विश्व चैंपियन और वर्तमान राज्यसभा सांसद बॉक्सर एमसी मैरी कॉम ने एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप टूर्नामेंट में जापानी बॉक्सर को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। मैरी कॉम ने 48 किलो लाइट फ्लाइवेट वर्ग के सेमीफाइनल में जापान की सुबासा कोमुरा को 5-0 से करारी मात दी। पूरे टूर्नामेंट में मैरी कॉम जापानी बॉक्सर कोमुरा पर भारी दिखीं। फाइनल जीतने के बाद लंदन ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता मैरी कॉम ने टूर्नामेंट में अपना छठा पदक हासिल कर लिया है। उन्होंने क्वॉर्टरफाइनल में चीनी ताइपे की मेंग चिए पिन को हराकर अंतिम चार में जगह बनाई थी। 35 वर्षीय मैरी कॉम ने इस प्रतियोगिता के पिछले चरणों में चार स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है। एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मैरी कॉम का यह 5 वां गोल्ड मेडल है। इससे पहले मैरी कॉम ने इस टूर्नामेंट में चार बार गोल्ड मेडल जीता है।

मैरी ने साल 2003, 2005, 2010 और 2012 में गोल्ड मेडल हासिल किया। मगर साल 2008 में उन्हें सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा था। मैरी कॉम यहां पिछले 5 साल से 51 किलो भार वर्ग में भाग लेती रही है, लेकिन इस बार उन्हाेंने 48 किलो भार वर्ग में भाग लिया। मैरी कॉम की ये सफलता पूरे देश के लिए खासतौर से हम महिलाओ के लिए गर्व की बात है। अगर आपमें समर्पण, त्याग,हौसला और दृढ इच्छाशक्ति है तो कोई भी आपको आगे बढ़ने से नही रोक सकता।

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