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मोटिवेशन : खुश रहना सीखें, दुख खुद ही भाग जाएगा

Published: Jan 15, 2018 10:00:50 am

जब दुख आपको घेर लेता है तो आप उससे पीछा छुड़ाने की जद्दोजहद में इस कदर लग जाते हैं कि खुश रहने के कारणों को भूल जाते हैं।

be happy

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जब दुख आपको घेर लेता है तो आप उससे पीछा छुड़ाने की जद्दोजहद में इस कदर लग जाते हैं कि खुश रहने के कारणों को भूल जाते हैं। ऐसे में परेशानी दोगुनी हो जाती है। दुख को महसूस करते हुए अगर हम छोटी-छोटी खुशियों का अहसास करेंगे तो मुश्किल समय को आसानी से पार कर जाएंगे।
आ पने किसी अपने को खो दिया है, कोई बुरी खबर सुनी है, आर्थिक परेशानी है या आपका पार्टनर आपसे अलग हो गया है। दुखी होने के कारण अनेक हैं और इन परिस्थितियों में दुखी होना, यह सोचना कि जीवन इतना कठिन क्यों होता है और हम इतने बदनसीब क्यों हैं, हम में से हरेक के लिए स्वाभाविक भी है। कई बार स्थिति नियंत्रण से बाहर होती है और उसे सुधारना हमारे वश की बात नहीं होती लेकिन इसके मायने ये तो कतई नहीं है कि आप मुश्किलों के बीच खुशी नहीं तलाश सकते। कुछ आसान सी तकनीक सीखकर आप ये बखूबी कर पाएंगे।
खुद को दुखी होने से रोकें नहीं

जब हमें दुख या दर्द महसूस होता है, हम उससे दूर भागना चाहते हैं। इसके लिए हम उसे नजरअंदाज करते हैं, सही होने का दिखावा करते हैं, बचाव के लिए कुछ भी करते हैं, दवाओं से उसे भूलने की कोशिश करते हैं। दुख की स्थिति में मनुष्य की प्रतिक्रिया कुछ ऐसी ही होती है लेकिन सच यह है कि दुख से दूर भागने से स्थिति बेहतर नहीं, बल्कि बदतर होती है। इसकी बजाय खुद को बताएं कि दुखी होना सामान्य है। दुख को महसूस करें और उसमें डूब जाएं। माना यह बुरा है लेकिन इससे आपके जीवन को कोई खतरा नहीं है। बल्कि यहीं से इसके दूर होने की शुरुआत होगी, आखिर सुधार वहीं होता है जहां ग्रोथ होती है।
जिंदा हैं उत्सव मनाइए

आप जिंदा हैं। क्या यह वजह उत्सव मनाने के लिए काफी नहीं है। दुख की घड़ी में भी हमें खुश रखने के लिए यह वजह काफी है। इस खुशी का इजहार अपने तरीके से कीजिए। चाहें तो पहाड़ की चोटी पर चढक़र गाना गाएं। कितनी अच्छी बात है कि आपका दिल धडक़ रहा है, खुश हों। ऐसा मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं, बस थोड़ी सी कोशिश की जरूरत है।
ज्यादा दिन अकेले नहीं

यह बहुत ही स्वाभाविक है कि जब आप दुखी होते हैं तो आप चुपचाप अकेले रहना चाहते हैं। असल में होता है कि यह ऐसे होने पर आप दुख में डूबते ही चले जाते हैं। इसलिए अगर आप दुख से निकलना चाहते हैं तो दूसरे लोगों की कंपनी ढूंढनी होगी। आपको यह तय करना होगा कि आप एकांत में किसी कोने में चुपचाप रोएंगे नहीं।
शुक्रिया अदा करने का बहाना ढूंढें

दुख में डूबे होने के साथ जीवन का अनुभव करने में क्या कहीं कुछ ऐसा है, जिसके लिए आप शुक्रगुजार हो सकते हैं? इसके लिए प्रकृति से जुड़ी छोटी-छोटी चीजें हो सकती हैं या नजर और संगीत जैसी नेमतें, जिनके महत्व को हम अक्सर पहचाते ही नहीं हैं। रिश्तेदारों के साथ, काम करने की काबिलियत, स्वाद महसूस करने और सांस ले पाने जैसी कई चीजें हैं, जिनके लिए हम शुक्रगुजार हो सकते हैं। जब भी दुखी हों, कम से कम तीन ऐसी चीजों को पहचानें, जिनके लिए आपको शुक्रगुजार होना चाहिए।
जिंदा होने का सबूत है दुख

अब जबकि आप दुख के साथ आमने-सामने हैं और उसे महसूस कर रहे हैं, क्या आपको कहीं न कहीं इसमें आपके जिंदा होने का अहसास नहीं होता? आखिर दुख के प्रति सुन्नता और अनदेखी का नाम जीवन नहीं है और न ही केवल सुख का अहसास जीवन है। जिंदा वही है जो दुख, दर्द और डर जैसी भावनाओं को महसूस कर सके। इसे निराशा की नजर से न देखकर अगर आप एक दिलचस्प अनुभव के तौर पर देखेंगे तो इससे लडऩे की ताकत भी महसूस कर सकेंगे। आपको पता चल जाएगा कि आप असल में क्या महसूस कर रहे हैं। आपको दुख है, डर है, आप किसी शॉक में हैं। यह फीलिंग कुछ-कुछ वैसी ही होगी, जैसी बंजी जंपिंग के दौरान आती है।

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