जयपुरPublished: Sep 20, 2021 03:03:49 pm
Deovrat Singh
Patrika Women Guest Editor: मैं एक आदिवासी इलाके में पैदा हुई, पिता का देहांत बचपन में ही हो चुका था। जैसे-तैसे सातवीं तक पढ़ाई की, तो मां ने समाज के बढ़ते दबाव के कारण मुझे पढ़ाई छोडऩे को कहा।
Patrika Women Guest Editor: मैं एक आदिवासी इलाके में पैदा हुई, पिता का देहांत बचपन में ही हो चुका था। जैसे-तैसे सातवीं तक पढ़ाई की, तो मां ने समाज के बढ़ते दबाव के कारण मुझे पढ़ाई छोडऩे को कहा। आगे की फीस के पैसे भी मां के पास नहीं थे। मैंने तभी से छोटे बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। छुटपन की इस आत्मनिर्भरता ने मुझे आत्मविश्वास दिया। लोगों ने मुझे आगे पढऩे से लेकर मेरे जींस पहनने तक, बाहर अकेले आने-जाने को लेकर खूब टोका, लेकिन मैंने हार नहीं मानी।