सनी के इस आत्मविश्वास ने दिल जीत लिया। सच में इस एक अकेली महिला ने भारतीय समाज के साथ उन सभी रिवाजों को झुठला दिया जो एक महिला के चरित्र को लेकर पैमाने तय करते हैं। भारत में वेश्यावृति आज भी गैरकानूनी है, लेकिन फिर भी बड़े पैमाने पर लड़कियां इस व्यवसाय में या तो जबरन लाई जाती हैं या अपनी मजबूरियों के चलते वे इस व्यवसाय को खुद अपनी मर्जी से अपनाती हैं।
कुछ रोजगार की तलाश में इस कुचक्र में फंस जाती हैं तो कुछ शादी का झांसा देकर खरीदी-बेची जाती हैं। भारत में वेश्यावृति को अनैतिक माने जाने के बावजूद ये व्यवसाय प्राचीन काल से किसी न किसी रूप में समाज में उपस्थित रहा है। आज हम आधुनिकता का आवरण ओढ़ तो चुके हैं, नारी के हितों का जोर-शोर से प्रचार करते हैं, समर्थन करते हैं, लेकिन उसी समाज में नारी का एक तबका यौनकर्मियों का है, जो आज भी हाशिये पर ही खड़ा है।
हर एक महिला को अपने आप को लेकर, अपने शरीर और चरित्र, अपने काम को लेकर सफाई देने की कोई जरूरत नहीं है। एक आम औरत की तरह एक वेश्या को भी अपने जीवन के फैसले करने का हक है। बस अपने आर्थिक, सामाजिक अधिकारों का ज्ञान होना चाहिए, क्योंकि अपने अधिकारों के प्रति जागरूक न होना या शर्म की वजह से चुप रहने से ही, आने वाले वक्त में तथाकथित सभ्य समाज के सभ्य लोग जाने और कितनी ही मासूमों को अपनी जरूरत के लिए इस दलदल में धकेलते रहेंगे और खुद से अलग करके एक निम्न कोटि का इंसान साबित करते रहेंगे।
– विरासनी बघेल
(ब्लॉग से साभार)