घटना की पुष्टि करते हुए चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल पुलिस चौकी के उप-निरीक्षक नूरुल आलम ने कहा कि शनिवार रात करीब नौ बजे कंटेनर डिपो में आग लगी थी। सूचना मिलते ही फायर सर्विस यूनिट ने आग बुझाने का काम शुरू किया। लेकिन इसी बीच एक और धमाका हुआ और आग भीषण तरीके से फैल गई। आग से फंसे लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया। मृतकों की लाश इस कदर जल चुकी है कि उनकी पहचान नहीं की जा सकी है।
नूरुल आलम ने कहा कि शुरुआती जांच में यह संदेह जताया जा रहा है कि कंटेनर डिपो में रखे रसायनों के कारण आग लगी। रात करीब 11:45 बजे एक बड़ा धमाका हुआ। यह धमाका इतना तेज था कि उसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। डिपो के आस-पास के घरों की खिड़कियों के शीशे तक टूट गए। देर रात हुए इस भीषण हादसे से राहत-बचाव कार्य में भी देरी हुई।
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आशंका जताई जा रही है कि कंटेनर में केमिकल होने के कारण आग एक कंटेनर से दूसरे कंटेनर में फैलती गई। जिससे भारी खामियाजा उठाना पड़ा। आग बुझाने के काम में लगे अग्निशमन विभाग की सूचना के अनुसार घटना के दौरान उनके तीन कर्मचारियों की भी मौत हो गई। चटगांव के स्वास्थ्य और सेवा विभाग के प्रमुख इस्ताकुल इस्लाम ने बताया कि सीताकुंडा उपजिला के कदमरासुल इलाके में स्थित बीएम कंटेनर डिपो में आग लगी। आग लगने और उसके बाद हुए विस्फोटों में अभी तक 49 लोगों की मौत हो गई है। जबकि पुलिस और दमकल कर्मियों सहित सैकड़ों लोग झुलस गए।
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दूसरी ओर चटगांव अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा के सहायक निदेशक मो. फारुक हुसैन सिकंदर ने कहा कि लगभग 19 अग्निशमन इकाइयों को आग बुझाने के लिए भेजा गया था। छह एम्बुलेंस से घायलों को इलाज के लिए अस्पताल तक पहुंचाया गया। जहां सभी का इलाज जारी है। वहीं बीएम कंटेनर डिपो के निदेशक मुजीबुर रहमान ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि आग किस वजह से लगी, लेकिन मुझे लगता है कि आग कंटेनर से शुरू हुई।