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77 साल में 70वीं सरकार: इटली को मिली पहली महिला प्रधानमंत्री, “ईश्वर, परिवार और मातृभूमि” को मुद्दा बनाने वालीं मेलोनी संभालेंगी कमान

locationजयपुरPublished: Sep 27, 2022 08:44:46 am

Submitted by:

Swatantra Jain

इटली में धुर दक्षिणपंथी नेता जियोर्जिया मेलोनी देश की पहली पीएम बन गई हैं। जो कुछ साल पहले तक इतालवी राजनीति में एक हाशिए पर रही मेलोनी रविवार के चुनाव में विजयी घोषित की गई हैं। 45 वर्षीय मेलोनी अब देश की कमान संभालेंगी। मेलोनी एक दक्षिणपंथी गठबंधन का नेतृत्व कर रही हैं जिसने 43 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए हैं।

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“ईश्वर, परिवार और मातृभूमि” के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाली जॉर्जिया मेलोनी अब इटली की नई प्रधानमंत्री बन गई हैं। मेलोनी ने इटली को सबसे पहले और प्राथमिक रूप से इतालवी देशभक्तों का देश बताते हुए ईसाई पहचान और “पारंपरिक” परिवार के संरक्षण के लिए एक आक्रामक अभियान चलाया और जीत हासिल की है। अपने इस अभियान की बदौलत, इटली में हुए आम चुनावों (Italy election) में जॉर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) ने इतिहास रच दिया है। वे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गई हैं। ब्रदर ऑफ इटली पार्टी की नेता जॉर्जिया मेलोनी ने पूर्व पीएम मारियो द्रागी को बड़े अंतर से मात दी। इसी के साथ इटली में दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली धुर दक्षिण पंथी सरकार का भी रास्ता साफ हो गया।
इटालियंस होने पर गर्व करने के लिए करेंगी शासन

एग्जिट पोल में लगातार आगे चल रही मेलोनी ने जीत की पूर्व संध्या पर कहा कि, “अगर हमें इस राष्ट्र पर शासन करने के लिए कहा जाता है, तो हम सभी इटालियंस के लिए ऐसा करेंगे, लोगों को विभाजित करने के बजाय उन्हें एकजुट करने के उद्देश्य से, उन्हें इटालियंस होने पर गर्व करने के लिए, इतालवी ध्वज को लहराने के लिए ऐसा करेंगे।” पहले अनुमानों के परिणाम के बाद एक संक्षिप्त भाषण में भावुक होते हुए मेलोनी ने कहा, “आपने हमें चुना है, और हम आपको धोखा नहीं देंगे,”
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साल 1945 के बाद 77 साल में 70वीं सरकार

इटली में 1945 के बाद 2022 तक 77 साल में 70वीं बार सरकार बदली है। जॉर्जिया मेलोनी के पीएम बनने के साथ ही इटली के फाशिस्ट तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की भी चर्चा तेज हो गई। दरअसल, जॉर्जिया मेलोनी खुद को मुसोलिनी समर्थक मानती हैं। जॉर्जिया मेलोनी ने चुनाव से पहले फॉर्जा इटालिया (Forza Italia) और द लीग के साथ गठबंधन किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गठबंधन को 43% वोट मिले। जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी ने 26% वोट हासिल किए। वामपंथी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को करीब 26 प्रतिशत वोट मिले। वहीं, 5-स्टार मूवमेंट को 15% वोट मिले हैं।
सीनेट में 114 सीटों पर हुई मेलोनी का गठबंधन विजयी
मेलोनी गठबंधन सीनेट की 114 सीटें जीतने में सफल रहीं। इटली में बहुमत साबित करने के लिए सीनेट की 104 सीटों की जरूरत है। इटली में निवर्तमान पीएम मारियो द्रागी की सरकार गठबंधन में शामिल अन्य दलों के समर्थन वापस लेने के बाद जुलाई में गिर गई थी।

सिर्फ चार साल में 4% वोट से पीएम बनने का सफर किया

मेलोनी की पार्टी ब्रदर ऑफ इटली दक्षिणपंथी पार्टी है। इसका गठन बेनिटो मुसोलिनी के समर्थकों द्वारा किया गया था। जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी ब्रदर ऑफ इटली को अपने उदय के करीब एक दशक बाद यानी 2018 के चुनाव में सिर्फ 4% वोट मिले थे। तब मारियो द्रागी पीएम बने थे। मेलोनी इटली की जनता में तब चर्चित हुईं, जब उनकी पार्टी ने द्रागी के नेतृत्व वाले नेशनल यूनिटी गठबंधन में शामिल न होने का फैसला करते हुए मुख्य विपक्षी दल बनी थी।
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कौन हैं मेलोनी, जिन्होंने पूर्व पीएम मारियो द्रागी को दी मात?

जॉर्जिया मेलोनी का जन्म रोम में हुआ। जब वे एक साल की थीं, तब उनके पिता फ्रांसेस्को ने मां को छोड़ दिया और कैनरी आइसलैंड आकर रहने लगे। फ्रांसेस्को वामपंथी थे, जबकि मेलोनी दक्षिणपंथी थीं। बताया जाता है कि वे अपनी मां से प्रेरित होकर ही दक्षिणपंथी विचारधारा की हैं। जॉर्जिया मेलोनी 15 साल की उम्र में इतालवी सामाजिक आंदोलन (MSI) की युवा शाखा यूथ फ्रंट में शामिल हुईं। इसके बाद वे आंदोलन की स्टूडेंट विंग की अध्यक्ष भी बनीं। 2008 में जॉर्जिया 31 साल की उम्र में मंत्री बनीं। वे इटली की सबसे युवा मंत्री थीं। सिल्वियो बर्लुस्कोनी द्वारा उन्हें यूथ एंड स्पोर्ट मंत्रालय दिया गया था।
रोमन, राजनेता और पत्रकार…पर सबसे पहले इतालवी

2012 में जॉर्जिया ने अपनी पार्टी ब्रदर ऑफ इटली का गठन किया। वे खुद को रोमन, राजनेता और पत्रकार बताती हैं। हालांकि, वे कहती हैं कि वे इससे पहले एक ‘इतालवी’ हैं। मेलोनी ने 2006 में एक बेटी को भी जन्म दिया था। मेलोनी ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था, ”मुसोलिनी एक अच्छे राजनेता थे। उन्होंने जो कुछ भी किया, वह इटली के लिए किया।”
औसतन 13 माह चलती है एक सरकार

”इटली में 77 साल में 70 बार सरकार बदलीइटली में सरकारें बदलती रहती हैं। भले ही इटली में 5 साल में चुनाव होते हैं, लेकिन इसके बावजूद यहां 77 साल में 70 बार सरकार बदल चुकी है। यानी औसत 13 महीने तक ही एक सरकार चलती है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर इटली में इतनी जल्दी सरकार क्यों गिर जाती है। कई जानकार बताते हैं कि इसके कई कारण हैं। सबसे मुख्य कारण ये है कि इटली की राजनीति अभी भी बेनेटो मुसोलिनी के इर्द गिर्द घूमती है। भले ही मुसोलिनी की मौत को 77 साल हो गए हों, लेकिन अभी भी यहां समर्थकों और विरोधियों के बीच सिविल वॉर चलता रहता है।
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