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CHOKE POINTS : समुद्र से होता है दुनिया का 80 फीसदी व्यापार, लेकिन ये बड़े खतरे भी हैं

Published: Apr 04, 2021 01:07:06 am

Submitted by:

pushpesh

-210 स्ट्रेट और नहर हैं विश्व में छोटी-बड़ी, इनमें आठ प्रमुख हैं।-195 हमले हुए समुद्री डाकुओं के 2020 में-52.9 मिलियन बैरल तेल गुजरता है इन 5 चोक पॉइंट्स (choke points) से प्रतिदिन-16.8 मिलियन बैरल तेल होर्मुज से गुजरता है प्रतिदिन

CHOKE POINTS : समुद्र से होता है दुनिया का 80 फीसदी व्यापार, लेकिन ये बड़े खतरे भी हैं

स्वेज यूरोप को एशिया से जोड़ती है।

समुद्री परिवहन व्यापार का अहम हिस्सा है, दुनिया का लगभग 80 फीसदी व्यापार समुद्रों से ही होता है। लेकिन समुद्री मार्गों से व्यापार हमेशा सुरक्षित नहीं होता, जहाजों को ऐसे चोक पॉइंट्स से गुजरना होता है, जो कई बार बाधा उत्पन्न कर देता है। समुद्री जलसंधियां या जलडमरूमध्य माल ढुलाई के लिए जितने उपयुक्त और सुविधाजनक हैं, उतने ही जोखिम भरे भी। प्राकृतिक बाधाओं के अलावा राजनीतिक खींचतान और समुद्री लुटेरों के अलावा मानवीय भूल के चलते कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हाल ही स्वेज नहर में एक सप्ताह से ज्यादा फंसे रहे एवर गिवन का उदाहरण अभी ताजा है, जिससे वैश्विक व्यापार को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। जानिए कुछ खास नहर और जलडमरूमध्य के बारे में-
स्वेज नहर में कैसे फंसा सबसे बड़ा जहाज

1. पनामा नहर (पनामा)
लंबाई : 82 किलोमीटर, शुरू : 1881
पनामा नहर प्रशांत और अटलांटिक महासागर को जोडऩे का एक शॉर्टकट है। उत्तरी अमरीका के पूर्वी तट से पश्चिमी तट तक जाने वाले जहाजों के लिए यह नहर 8 हजार नॉटिकल मील की दूरी और 21 दिन का समय बचाती है। 2019 में नहर से 25 लाख टन से अधिक माल की ढुलाई हुई, जिससे 2.6 अरब डॉलर के टोल की कमाई हुई।
2. स्वेज नहर (मिस्र)
लंबाई: 193 किलोमीटर, शुरू: 1859
स्वेज यूरोप को एशिया से जोड़ती है। 2019 में नहर से 19 हजार जहाजों से एक अरब टन माल की ढुलाई हुई। इस जलमार्ग के बिना जहाजों अफ्रीका महाद्वीप का चक्कर लगाना पड़ेगा, जिससे सात दिन का समय और बढ़ जाएगा। मिस्र ने 2015 में इसकी चौड़ाई को बढ़ाया, लेकिन एवर गिवन के फंसने से स्पष्ट हो गया कि अभी जलमार्ग सुरक्षित नहीं है।
3. होर्मुज जलडमरूमध्य (ईरान-ओमान)
लंबाई: 167 किलोमीटर शुरू: 1959
ईरान द्वारा नियंत्रित यह जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी से जोड़ता है। यह दुनिया के तेल व्यापार की अहम कड़ी है। होर्मुज से प्रतिदिन 2.1 करोड़ बैरल तेल का परिवहन होता है। इस पर क्षेत्रीय संघर्ष भी रहा है। मसलन, 1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध के दौरान टैंकरों और जहाजों पर हमला किया गया।
4. मलक्का जलडमरूमध्य (इंडोनेशिया-मलेशिया)
लंबाई: 800 किलोमीटर शुरू: 14 वीं सदी में
भारत, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच व्यापार के लिए मलक्का जलडमरूमध्य काफी महत्वपूर्ण है। 1.5 मील लंबाई वाला यह मार्ग दुनिया में सबसे छोटा है। निजी सूचना समूह रिकैप के मुताबिक इस क्षेत्र में समुद्री डकैती का खतरा काफी रहता है। 2019 में समुद्री डकैती की 30 घटनाएं हुई थीं।
5. बाब अल मंडेब स्ट्रेट (यमन, जिबूती, इरिट्रिया)
लंबाई : 50 किलोमीटर
दुनिया में तेल और प्राकृतिक गैस के लिए महत्वपूर्ण जलमार्ग है। अफ्रीका और मध्य पूर्व के बीच स्थिति यह जलमार्ग भूमध्य सागर को हिंद महासागर से जोड़ता है। मलक्का की तरह यहां भी समुद्री डाकुओं के जोखिम वाला क्षेत्र है। पिछले वर्ष मई में यमन के तट पर ब्रिटेन के एक रासायनिक तेल टैंकर पर हमला किया गया था। इसके अलावा तुर्की जलडमरूमध्य, डेनमार्क का डेनिश स्ट्रेट और दक्षिण अफ्रीका का केप ऑफ गुड होप अन्य महत्वपूर्ण जलसंधियां विश्व व्यापार के लिए अहम हैं।
स्वेज नहर संकट से जुड़ी सारी बातें, जो आपको जाननी चाहिए

क्या हैं चोक पॉइंट्स
चोक पॉइंट्स, जलडमरूमध्य अथवा नहर के रूप में ऐसे संकरे मार्ग या जलसंधि हैं, जो दो समुद्री भागों को जोड़ता है। समय और दूरी बचाने के लिए इनका इस्तेमाल होता है। जैसे स्वेज के बिना यूरोप से भारत आने वाले जहाजों को अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप का चक्कर लगाना पड़ेगा।
कई तरह के खतरे
संरचना और भू-राजनीतिक कारणों से इनमें कई बार अवरोध आ जाता है। जैसे चौड़ाई कम होने के कारण स्वेज नहर कई दिन जाम रही। कई बार राजनीतिक अस्थिरता के कारण भी ये रास्ते बंद रहे। जैसे 1967 का स्वेज संकट, तब मिस्र और इजराइल के बीच युद्ध के कारण नहर आठ वर्ष तक बंद रही थी।
वैकल्पिक मार्ग के प्रस्ताव ठंडे बस्ते में
विश्व के 8 प्रमुख चोक पॉइंट्स के विकल्प तैयार करने की कई योजनाएं बनीं, लेकिन मूर्तरूप नहीं ले पाईं। मसलन पनामा नहर के बदले अन्य नहर बनाने के लिए निकारागुआ की संसद ने 40 अरब डॉलर की परियोजना का मसौदा मंजूर किया था।
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