सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में दर्ज एक बयान में कहा गया कि ट्रम्प प्रशासन की ओर से जिन सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगाए गए हैं उससे इन कंपनियों को विश्व स्तर की प्रतिभाओं को ढूंढने में कठिनाई होगी। अमरीका की एक अदालत के आदेश के बाद फिलहाल इन यात्रा संबंधी प्रतिबंधों पर रोक लगा दी गई है।
एप्पल के कर्मचारी डेनियल ग्रॉस कहना है कि मैं नाजी जर्मनी से आए शरणार्थियों का पोता हूं जो अमरीका आए थे मेरे अस्तित्व के लिए मैं अमरीका का कर्जदार हूं क्योंकि अमरीका ने हमारे लिए दरवाजे खोले थे। मेरे दादा व्यवसायी थे और कई लोगों को नौकरी देते थे मैं भी व्यवसायी हूं और इस तरह अमरीका को कुछ लौटा रहा हूं।
इसके अलावा अमरीका के जस्टिस विभाग ने डोनाल्ड ट्रम्प के यात्रा संबंधी प्रतिबंध पर रोक लगाने के फैसले को चुनौती दी है। जस्टिस विभाग ने दलील दी है कि प्रतिबंध राष्ट्रपति की शक्तियों के दायरे में आने वाला कानूनी कदम है और संघीय अदालत ने इस पर रोक लगाकर गलत किया है।
गौरतलब है कि अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 25 जनवरी को सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। इन देशों में इराक, ईरान, सीरिया, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन शामिल थे।