रिपोर्ट में कहा गया है कि जर्मनी ने पाकिस्तान को लेकर कड़ा रुख उसकी आतंकवाद को काबू में करने की नाकामी की वजह से अपनाया है। खासकर, 2017 में काबुल में जर्मनी के दूतावास पर हुए बम धमाके के दोषियों को सजा दिलाने में पाकिस्तान असफल रहा। करीब 150 लोगों की जान लेने वाले धमाके के पीछे हक्कानी नेटवर्क का हाथ था जिसे पाकिस्तान में समर्थन मिला है। कुछ दिन पहले ही फाइनेंशिल एक्शन टास्क फोर्स की ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर आने की कोशिशों के तहत पाकिस्तान ने 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं पर कार्रवाई करने का ढोंग किया है। लेकिन इस लिस्ट में अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम शामिल करके आखिरकार उसने एक तरह से मान लिया है कि दाऊद पाकिस्तान की जमीन पर ही है।