अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई पर गंभीर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ हिंसा करने वाले दोषियों को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। दरअसल, हिजाब ठीक से नहीं पहनने के चलते धर्माचार पुलिस ने 22 वर्षीय महसा अमीनी को हिरासत में लिया था और बाद में उसकी मौत के बाद देशभर में विरोध-प्रदर्शन होने लगे। ईरानी सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की।
बाइडेन ने कहा, ‘ईरान की सरकार ने दशकों से अपने लोगों को मौलिक आजादी नहीं दी। साथ ही धमकी, बल और हिंसा के जरिए आने वाली पीढ़ियों की आकांक्षाओं को दबाया है। अमरीका, ईरानी महिलाओं और ईरान के सभी नागरिकों के साथ है, जो अपनी बहादुरी से दुनिया को प्रेरित कर रहे हैं। अमरीका ईरानी नागरिकों के लिए इंटरनेट तक पहुंच को आसान बना रहा है। अमरीका ईरानी अधिकारियों और संस्थाओं जैसे कि धर्माचार पुलिस को जवाबदेह भी ठहरा रहा है, जो नागरिक समाज को दबाने के लिए हिंसा भड़काने के जिम्मेदार हैं।’
राष्ट्रपति बाइडेन ने एक बयान में कहा कि वह ‘अमरीका शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के दोषियों पर इस सप्ताह पाबंदियां लगाएगा। हम ईरान के अधिकारियों को जवाबदेह ठहराते रहेंगे और स्वतंत्र रूप से प्रदर्शन करने के ईरानी लोगों के अधिकारों का समर्थन करते रहेंगे। मैं ईरान में अपने अधिकार और मूलभूत मानवीय गरिमा की मांग कर रहे छात्रों और महिलाओं समेत शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई तेज होने की खबरों को लेकर बहुत चिंतित हूं।’
बता दें, ईरानी सरकारी टीवी ने बताया है कि प्रदर्शनकारियों और ईरानी सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पों में मरने वाले लोगों की संख्या 41 तक पहुंच गई है। मानवाधिकार समूहों ने इससे कहीं अधिक संख्या में करीब 150 लोगों के मारे जाने का दावा किया है। साथ ही स्थानीय अधिकारियों ने मामलें में अब तक करीब कम से कम 1,500 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।