समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, कंपनी के ही कर्मचारियों ने पशु परीक्षणों के बारे में सूचना दी। शिकायत बताया गया कि न्यूरालिंक पशु परीक्षण में जल्दबाजी की जा रही है, जिससे पशुओं को अनावश्यक पीड़ा और मृत्यु हो रही है।
बताया जा रहा है कि यह संघीय जांच न्यूरालिंक के पशु परीक्षण को लेकर बढ़ते कर्मचारी असंतोष के बीच सामने आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के कर्मचारियों ने शिकायत में बताया कि विकास अथवा परीक्षण में तेजी लाने के लिए मस्क लगातार दबाव बना रहे है। दबाव डालने की वजह से कई प्रयोगों विफलता मिली है। कर्मचारियों ने कहा कि इस तरह के विफल परीक्षणों को दोहराया जाना पड़ा है, जिससे जानवरों को अनावश्यक पीड़ा से गुजरना पड़ा है। इतना ही नहीं जानवरों की मौत की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
अमेरिका के पशुपालन और कृषि विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, मस्क की कंपनी अब तक भेड़, सूअर और बंदर पर न्यूरालिंक डिवाइस का परीक्षण हो चुका है। मस्क ने दो साल पहले न्यूरालिंक की मदद से ‘सुअर’ की दिमागी हरकतों को दिखाया था। बीते साल एक वीडियो जारी कर दावा किया कि न्यूरालिंक लगने के बाद बंदर ने पोंग नाम का वीडियो गेम खेलना सिखा।
मस्क की कंपनी इंसानों के दिमाग में चिप लगाने की तैयारी में
न्यूरालिंक कॉर्प एक मस्तिष्क प्रत्यारोपण (ब्रेन इम्प्लांट) विकसित करने में जुटी हुई है। कंपनी जल्द इंसानी दिमाग में चिप लगाने का ट्रायल शुरू करने वाली है। इससे लकवाग्रस्त लोगों को फिर से चलने और अन्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का इलाज करने में बड़ी मदद मिल सकेगी। दावा किया जा रहा है कि इस चिप को लगाने के बाद कई तरह के रोगियों को बड़ी सुविधा मिलेगी।