अमेरिका की सुरक्षा पर चुनौती
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने अमेरिका में टिकटॉक (TikTok) पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पारित किया है। कहा जा रहा कि इससे अमेरिका के लोगों के लिए समस्या बढ़ गई है। इस टिकटॉक का यूज अमेरिका की 170 मिलियन जनता करती है। आलोचकों इसे अमेरिका की राष्ट्रीय-सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। कांग्रेसी ग्रेग मर्फी के कार्यालय ने एक बयान में कहा है कि 2020 में भारत ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए अपनी प्राथमिकता पर जोर देते हुए टिकटॉक सहित 59 चीनी-निर्मित ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।
भारत अमेरिका सहित कई देश TikTok को बैन करने के पक्ष में
इधर हाउस रिपब्लिकन ने कहा कि चीन का ये एप (TikTok) उनके यूजर्स के निज़ी डेटा पर अटैक करता है। जो कि हमेशा से चीन का लक्ष्य रहा है। इसलिए अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, भारत और कई अमेरिकी राज्यों ने इस पर बैन लगाने के लिए कदम बढ़ाया है। इनका कहना है कि TikTok के अधिकारियों ने इस ऐप की पारदर्शिता और यूजर्स की गोपनीयता को सुनिश्चित करने में अनिच्छा जाहिर की। जिसके बाद इसे अब बंद किया जा रहा है। व्हाइट हाउस ने कहा कि सीनेट की तरफ से पारित होने पर ये विधेयक राष्ट्रपति को दिखाया जाएगा, उनके साइन होने के बाद ही इस ऐप पर बैन लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
अमेरिकी संसद में प्रतिनिधियों ने इस एप पर बैन लगाने का प्रस्ताव रखा है। अमेरिकी प्रतिनिधियों ने कहा है कि जो काम भारत ने 2020 में ही कर दिया वो हम अब कर रहे हैं। वहीं जानकारों का कहना है कि अमेरिका के इस कदम का उद्देश्य चीन को आर्थिक तौर पर कमजोर करना है। वो इस टिकटॉक पर बैन लगा कर इस चीनी एप को बंद कर देंगे।
अमेरिका की सुरक्षा के समझौता नहीं
इस मुद्दे पर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि हमें इस बिल को आगे बढ़ता देख खुशी हो रही है। हम तेजी से कार्रवाई करने के लिए सीनेट की तरफ रुख करेंगे। ये बिल अहम है और हम इस कदम का स्वागत करते हैं। अमेरिका में चल रही कुछ प्रौद्योगिकी सेवाओं से पैदा हुए खतरे को संबोधित करने के लिए जो कोशिशें चल रही हैं वो अमेरिकियों के लिए एक खतरा है। हम अपनी जनता की व्यक्तिगत जानकारी को खतरे में नहीं डाल सकते क्योंकि यही हमारी व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा है।