बेल्जियम : अल्बर्ट द्वितीय ने 20 वर्ष शासन के बाद 1993 में अपने पुत्र क्राउन प्रिंस फिलिप (53) को सत्ता सौंप दी। उस वक्त अल्बर्ट ने सत्ता छोडऩे के पीछे स्वास्थ्य संबंधी कारण बताया था, लेकिन बात कुछ और ही थी। रानी के अलावा किसी अन्य महिला से अल्बर्ट के संबंध थे। उस महिला की बेटी ने बाद में पितृत्व परीक्षण के लिए अदालत में याचिका दायर कर दी। ये केस अब भी चल रहा है।
नॉर्वे : नॉर्वे की 48 वर्षीय राजकुमारी मार्था लुइस अमरीकी प्रेमी शमन ड्यूरेक के साथ अपने व्यावसायिक रिश्तों के बाद काफी चर्चा में रही। दरअसल शमन ने व्यवसाय को राजकुमारी के नाम से भुनाया। जिस पर आपत्ति करने के बाद शमन ने माफी मांगी थी। इसके बाद शाही परिवार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा।
जापान : पिछले वर्ष अप्रेल में 85 वर्षीय सम्राट अकीहितो ने स्वास्थ कारणों से अपने पुत्र नारूहितो को सत्ता सौंप दी। जापान में ऐसा 200 वर्ष बाद हुआ, जब किसी सम्राट ने जीते जी उत्तराधिकारी को सत्ता सौंपी हो। इसके लिए जापान सरकार को कानून में बदलाव भी करना पड़ा। अपनी दयालुता और समाजसेवा से जुड़े कार्यों के कारण अकीहितो जनता में काफी लोकप्रिय रहे हैं। उन्होंने जापान को युद्धकालीन क्रूरता को स्वीकार करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
संयुक्त अरब अमीरात : 45 वर्षीय राजकुमारी हया बिंत हल हुसैन दुबई के 70 वर्षीय शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की छठी पत्नी हैं। वह जॉर्डन के दिवंगत किंग हुसैन की बेटी और मौजूदा सम्राट किंग अब्दुल्ला की सौतेली बहन हैं। हया 2019 में यूएई का शाही घराना छोडकऱ पहले जर्मनी और फिर लंदन भाग गई, जहां उन्होंने अपने बच्चों के लिए संरक्षण की मांग के लिए आवेदन किया और कहा, उनकी जान को खतरा है। एक वर्ष पहले शेख मोहम्मद की दूसरी बेटी ने भी दुबई भागने की कोशिश की थी।
लेसोथो : दक्षिण अफ्रीका के छोटे देश लेसोथो में राजतंत्र का शासन है, जो कई चुनौतियों से घिरा हे। अभी 56 वर्षीय राजा लेट्स तृतीय सत्ता में हैं, जिन्हें पहले हटाया भी जा चुका है। 1990 में पहली बार लेट्स तृतीय ने अपने पिता की मौत के बाद सिंहासन संभाला था। लेकिन पांच वर्ष बाद राजनीतिक अस्थिरता के बीच उनके पिता लेट्स तृतीय ने फिर शासन संभाला, लेकिन एक वर्ष बाद सडक़ हादसे में लेट्स तृतीय की मौत के बाद फिर उनके बेटे ने सत्ता संभाल ली।
ईरान : 1941 से शासन कर रहे शाह मोहम्मद रेजा पहलवी ने 1979 में ईरानी क्रांति के बाद भागकर अमरीका में शरण ली। इसके बाद कई महीनों सत्ता संघर्ष चलता रहा और आखिर इस्लामी गणतंत्र बना। शाह के निर्वासन के बाद उनके परिवार के लोग अब भी राजशाही की वापसी की वकालत करते हैं। हालांकि 1979 से पहले भी शाह को सत्ता गंवानी पड़ी थी, लेकिन 1953 में अमरीका और ब्रिटेन की मदद से तत्कालीन प्रधानमंत्री मोहम्मद मोसादेग का तख्ता पलट कर फिर सत्ता पर काबिज हो गए थे।
Prince Harry: ब्रिटेन में शाही परिवार की खुशी में कैसे पड़ा खलल ब्रिटेन : ब्रिटेन का राजवंश भी उतार-चढ़ाव वाला रहा है। बात 20वीं सदी से ही करते हैं। 1936 में मौजूदा महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के चाचा एडवर्ड अष्टम को सत्ता से हटाकर उनके पिता ने सिंहासन संभाला और अपनी नस्लों के लिए रास्ता साफ किया।