इसलिए लगाई गई होगी सोने की जीभ
ऐसा माना जाता है कि सोने की पन्नी को जीभ का आकार दिया गया होगा ताकि वे बाद के जीवन में भगवान ओसिरिस (Osiris) के दरबार के सामने बोल सकें। प्राचीन मिस्रवासियों का मानना था कि ओसिरिस पाताल के स्वामी और मृतकों के न्यायाधीश होते हैं।
सोने का और भी इस्तेमाल
अन्य खोजे गए कंकालों में से कुछ की हड्डियां सोने सी चमकीली हैं और अन्य को सोने के आकार के स्कारब और कमल के फूलों के पास दफनाया गया था। इजिप्ट इंडिपेंडेंट ने कहा कि हालांकि कुछ ममी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन सोने की परत वाली ममी अभी भी बरकरार हैं। आउटलेट ने आगे कहा कि कुछ लकड़ी के ताबूत और उन ताबूतों में इस्तेमाल तांबे की कील भी साइट से मिली हैं।
सुनहरी जीभ वाली कई ममी
पहली खोज 2021 में हुई थी। जब मिस्र में 2,000 साल पुराने स्थल पर खुदाई करने वाले शोधकर्ताओं ने जीभ के आकार के आभूषण के साथ एक खोपड़ी का पता लगाया था। कुछ महीने बाद, एक पुरुष, एक महिला और एक बच्चे की ममी को भी सुनहरी जीभ के साथ पाया गया, शोधकर्ताओं का कहना है कि कंकाल 2,500 साल से अधिक पुराने हैं।
मिस्र के पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय के अनुसार, खोज से पता चलता है कि दफनाने के प्रत्येक स्तर पर रीति-रिवाज एक दूसरे से अलग थे, और यहां तक कि दफनाने की दिशा भी अलग थी। यह, इंगित करता है कि कब्रिस्तान का प्राचीन मिस्र के अंतिम काल, टॉलेमिक काल और रोमन काल के दो चरणों में उपयोग किया गया था।