रायपुर. राजधानी से करीब 60 किमी दूर गरियाबंद के रॉवड़ गांव में 54 साल की रूपौती इन दिनों मायूस है। वो खेती के बारे में पूछने पर रुआंसी हो जाती है। वजह है, उसने बेटे के साथ मिलकर दो एकड़ जमीन बटाईदारी में ली है, जिसमें धान की फसल चौपट हो गई है। इसके लिए उसने कर्ज लिया था और मेहनत भी खूब की थी। ऐसी स्थिति का सामना यहां पर ज्यादातर किसान कर रहे हैं। करीब 250 एकड़ फसल पर मौसम की मार पड़ी है। पानी नहीं गिरने से किरवई नहर पूरी तरह सूख चुकी है। इसके दोनों तरफ लगी फसलों के सूखने से गांव के किसानों की उम्मीद भी जवाब दे गई है। रूपौती कहती है, दो-चार दिन में पानी नहीं गिरा तो धान बिलकुल भी नहीं बचेगा। मजदूरी से काम तो चल जाएगा, पर खेत के मालिक को दो एकड़ के बदले 20 क्विंटल धान देना तो पड़ेगा। गांव के ही गोपी साहू बताते हैं कि पिछले साल खेत से 28 क्विंटल धान की पैदावार की थी। इस बार दो एकड़ खेत में करीब २० हजार रुपए खर्च हो चुके हैं। पानी नहीं मिला तो सब बर्बाद हो जाएगा।
जमीन के नीचे भी पानी नहीं रॉवड़ के सरपंच प्रतिनिधि डेरहूराम साहू ने बताया, इस क्षेत्र में सिंचाई पंप सफल नहीं हैं। खुदाई में 30-35 फीट पर चट्टानें निकल आती हैं। एेसे में पूरा क्षेत्र बरसात और नहर के पानी पर ही निर्भर है। फसलों को बचाने के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और कलक्टर को कई बार लिखित में आवेदन दिया, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
विधायक ने मांगा गंगरेल से पानी अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने कृषि एवं जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को पत्र लिखकर गंगरेल बांध से पानी छोडऩे की मांग की है। गुरुवार को भेजी चिट्ठी में उन्होंने कहा, आरंग और अभनपुर विकास खंडों में बेहद कम बरसात हुई है। जल उपभोक्ता समिति में सदस्यों की मांग के बावजूद कलक्टर ने बांध में कम पानी होना बताकर नहर में पानी छोडऩे से इनकार कर दिया है। विधायक ने कहा, गंगरेल बांध से पानी नहीं छोड़ा गया तो धान की फसल बर्बाद हो जाएगी। किसान नेता तेजराम विद्रोही ने खेती बचाने के लिए नहरों में पानी छोडऩे और नुकसान की भरपाई के लिए मदद की मांग की है।
डेढ़ किमी दूर से खरीदकर ला रहे हैं पानी कुछ किसानों ने खेत से डेढ़ किमी दूर बाकली के पास पंप से पांच हजार रुपए एकड़ की दर से पानी खरीदा। राजकुमार साहू कहते हैं, सभी के पास इतनी पूंजी नहीं है। पास के ही गांव अरड़ के खार में खेती कर रहे गोपीचंद बंजारे को खरीदने पर भी पानी नहीं मिल रहा। एेसे में उन्होंने धान की रोपाई टुकड़ों में की है। जिस दिन बरसात हुई, पानी को खेत के खाली हिस्से में किया और धान रोपा। रायपुर के अभनपुर क्षेत्र में खेतों में बोरिंग की सुविधा है, लेकिन सभी किसानों के पास नहीं। एेसे में समय पर पानी नहीं मिल पा रहा है।
14 जिलों में औसत से कम बारिश जिला – सामान्य – कमी
राजनांदगांव -736 – 38
कोरिया – 812.7 – 37
धमतरी – 731.7 – 35
कांकेर – 868.8 -28
रायपुर -740.9 – 25
सरगुजा – 844.8 – 25
कवर्धा – 605.1 -24
जशपुर – 940.8 – 21
दुर्ग – 711.2 – 19
बिलासपुर 755.4 – 18
बस्तर – 796.6. 14
नारायणपुर – 872.7 – 09
(मिथिलेश मिश्र)