फाइजर वैक्सीन ने चुनौती को और कठिन बना दिया। जिसकी वैक्सीन को सर्दी में अंटार्कटिका के तापमान से भी अधिक ठंड में रखना होगा। कंपनी माइनस 70 डिग्री तापमान पर वैक्सीन को ले जाने और उसके तापमान को बराबर टै्रक करने के लिए जीपीएस से जुड़ा थर्मल सेंसर तैयार करने की योजना बना रही है। इस चुनौती के साथ यूनाइटेड एयरलान्स, डेल्टा एयरलाइन्स, अमरीकन एयरनालाइन्स और अमीरात एयरलाइन्स फाइजर के टीके पहुंचाने के लिए तैयार हैं।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ ने पिछले माह 170 से अधिक देशों को वैक्सीन वितरित करने के लिए विभिन्न एयरलाइन्स से समझौता किया है, इनमें 92 गरीब देश हैं। एजेंसी यह भी जानती है सप्लाई के लिए केवल विमानों की आवश्यकता नहीं है। इसे दूर दराज के गांवों तक पहुंचाने के लिए कार, बस, ट्रक, बाइक, साइकिल और कुछ जगह पैदल तक पहुंचाना पड़ सकता है। ऐसे में सभी कंपनियों के टीकों को तय तापमान पर रखना चुनौतीपूर्ण होगा।
दो हजार माल वाहक विमान रनिंग में हैं, जो हवा में आधा सामान ढोते हैं। कोरोना के चलते इस वर्ष एयर कार्गो की संख्या बेहद कम हो गई। एयरलाइंस ने लगभग 2500 यात्री विमानों को कार्गो की भूमिका में तैयार किया है। यदि ये निश्चित अंतराल में उड़ान भरेंगे तो काम आसान हो जाएगा। सप्लाई के लिए फेडएक्स कॉर्प ने फ्रीजर और रेफ्रिजरेटर को पहले ही कोल्ड चेन से जोड़ दिया है। साथ ही हवा और सडक़ यातायात भी निर्बाध रहेगा।