2009 से शुरू किया ग्रोथ बढ़ाने का सिलसिला
चीन ने साल 2009 में वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान 600 बिलियन डॉलर यानी करीब 40,874 अरब रुपए का प्रोग्राम लॉन्च किया था। दरअसल, चीन ने यह कदम देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के इरादे से उठाया था। उसके बाद सरकारी संस्थाओं से कर्ज लेने की लहर चल गई, लेकिन अब यह स्थिति एक बड़ा बोझ साबित हो रही है। इस साल चीन का कर्ज का स्तर उसकी जीडीपी के 250 फीसदी तक पहुंच चुका है।
ग्रोथ लक्ष्य से चूक सकती है चीन की अर्थव्यवस्था
चीन की अर्थव्यवस्था इस साल 6.5 फीसदी से 7 फीसदी तक के अपने ग्रोथ के लक्ष्य से चूकती नजर आ रही है। ऐसे में सरकार एक बार फिर से कर्ज के ही भरोसे अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की तैयारी कर रही है।