‘अश्लील बातें सुनने को करता था मजबूर’ : महिला ने आरोप लगाया है कि जब वह अलमारी या टेबल से फाइल निकालती थी तो उसके बॉस उसे गलत तरीके से छूते थे। महिला के अनुसार बॉस उसे उनके डेस्कटॉप पर काम करने के लिए मजबूर करता था, ताकि वह उसे झुकते हुए देख सके। साथ ही वह उसे अपनी पत्नी के साथ की जा रही अश्लील और अति व्यक्तिगत बातचीत करने के लिए सुनने के लिए दबाव बनाता था। शिकायत के अनुसार महिला कर्मी ने बताया कि ‘जब भी मैं केबिन छोडऩे की कोशिश की तो वह अपनी उंगली से मुझे इशारा करता और मुझे केबिन में बैठे रहने का निर्देश देता था, जिससे मैं असहनीय और असुविधाजनक स्थिति में रहती थी।’
शिकायत की तो बदला विभाग : पुलिस ने महिला की शिकायत पर आरोपी वरिष्ठ अधिकारी शशि भूषण सिंह के खिलाफ शब्द और इशारों से महिला कर्मचारी की विनम्रता का अपमान करने के लिए एफआईआर दर्ज की है। वहीं महिला का दावा है कि घटना के दो दिन जब बाद उसने दिल्ली महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और ओएनजीसी के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कर्मचारी कल्याण संघ में यौन उत्पीडऩ की शिकायत दायर की थी। इसके बाद कंपनी ने उन्हें एक अलग विभाग में स्थानांतरित कर दिया। जब उसने इस संबंध कारण पूछा, तो उसे बताया गया था कि यह उसके वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों पर किया गया था।
‘घंटों तक खड़े रखता था केबिन में’ : महिला कर्मी ने शिकायत में कहा, एक वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर, आरोपी ने अपनी स्थिति का फायदा उठाया और आतंक, डर और अपमान का माहौल बनाया। वहीं शिकायत करने के बाद कंपनी की ओर से विभाग बदल दिए जाने पर महिला ने कहा कि फैसले ने मुझे हतोत्साहित किया है और जबकि अभियुक्त उसी स्थिति में पदस्थापित है। महिला ने पुलिस को बताया कि शशि भूषण सिंह उसे ऑफिस का काम बंद करने के समय से 5-10 मिनट पहले कॉल करते थे, ताकि वह घर वापस जाने के लिए अपनी ऑफिस बस से चूक जाए। इतन ही नहीं महिला कर्मी के आरोपों के अनुसार वह उसे अपने केबिन में बिना किसी कारण के घंटों तक खड़े रखकर उसे घूरते रहता था। कभी छुट्टी ले तो पूरी रात ऑफिस में काम करवाने की धमकी भी देता था। महिला ने शिकायत में कहा कि आरोपी ने उसकी व्यक्तिगत और पारिवारिक जिंदगी के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी क्षति पहुंचाई है।
ऑफिस में यौन उत्पीडऩ दिल्ली एनसीआर में सर्वाधिक : भारतीय राष्ट्रीय बार एसोसिएशन की ओर से यौन उत्पीडऩ पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में पता चला है कि अभी भी देश में ऑफिस में काम के दौरान महिला साथियों पर यौन संबंध दबाव, अनुचित तरीके से छूने और असभ्य टिप्पणियां आम बात है। ऐसे मामले सर्वाधिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एनसीआर में होते हैं। महिला श्रमिकों पर किए गए अध्ययन के 6,092 मामलों में से दिल्ली में पीडि़तों की संख्या 63 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक है। इसके बाद मुंबई और बेंगलूरु है। वहीं निष्कर्षों से यह भी संकेत मिलता है कि आईटी क्षेत्र में कार्यस्थल उत्पीडऩ सबसे ज्यादा होता है, उसके बाद शिक्षा, मीडिया और कानूनी क्षेत्रों इसमें शामिल है।