scriptनेपाल की इकोनॉमी पर कंट्रोल करना चाहता है चीन, BRI डॉक्यूमेंट में हुआ खुलासा | BRI document reveals how China attempts to dominate Nepal’s economy | Patrika News

नेपाल की इकोनॉमी पर कंट्रोल करना चाहता है चीन, BRI डॉक्यूमेंट में हुआ खुलासा

Published: Jun 28, 2022 10:13:12 pm

Submitted by:

Mahima Pandey

China-Nepal BRI: चीन नेपाल की अर्थव्यवस्था पर कब्जा करना चाहता है। इसका खुलासा BRI से जुड़े एक दस्तावेज में हुआ है। पाँच साल बीत जाने के बाद भी इस दस्तावेज को सार्वजनिक नहीं किया गया है।

nepal_china.jpg

,,,,

चीन नेपाल की इकोनॉमी पर कब्जा करना चाहता है। इसका खुलासा Belt and Road Initiatives (BRI) के एक डॉक्यूमेंट से हुआ है। इसमें सामने आया है कि कैसे चीन नेपाल के प्रोजेक्ट्स के जरिए उसकी अर्थव्यवस्था पर भी नियंत्रण करना चाहता है। ये समझौता वर्ष 2017 में हुआ था और इसे अब 5 साल भी हो चले हैं, लेकिन इसके डॉक्यूमेंट अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, चीन और नेपाल के बीच हुए इस समझौते के आर्टिकल II के क्लॉज़ III के अनुसार, दोनों पक्ष 2017 के भीतर चीन-नेपाल फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर चर्चा करेंगे और यदि सब सही रहा तो एक दूसरे के लिए मार्केट को खोलेंगे और ये दोनों के लिए लाभ की स्थिति बनाएगा। इसके आलवा इसमें कई ऐसी चीजें हैं जो सवाल खड़े कर रहे हैं।

नेपाल के विदेश मंत्रालय (MoFA) के सचिव, तत्कालीन शंकर दास बैरागी और मई 2017 में नेपाल में चीनी राजदूत यो होंग द्वारा BRI के तहत हस्ताक्षरित Mou में चीन के प्रयास स्पष्ट दिखाई देते हैं कि वो नेपाल में अपना एकाधिकार लागू करने का प्रयास किया है।
इस समझौते के जरिए चीन न केवल नेपाल की अर्थव्यवस्था पर हावी होना चाहता है, बल्कि नेपाल में अपनी करेंसी का उपयोग करने की कोशिश कर रहा है। यही नहीं चीन अपने माल को ज़ीरो कस्टम शुल्क पर बेचने की कोशिश भी कर रहा है। चीन नेपाल पर अपना एकाधिकार जमाना चाहता है।

वहीं चीन की साजिश पर एक वरिष्ठ पत्रकार और भ्रष्टाचार विरोधी गैर-सरकारी संगठन, फ्रीडम फोरम के अध्यक्ष तारानाथ दहल ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, “BRI डॉक्यूमेंट को सार्वजनिक नहीं करना नेपाल और चीन के पारंपरिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।” उन्होंने आगे कहा कि “चूंकि पारदर्शिता नहीं है, इसलिए जवाबदेही का सवाल उठता है।” कुछ एक्स्पर्ट्स का कहना है कि चीन के दबाव के कारण भी नेपाल ने इस दस्तावेज को सार्वजनिक न किया हो। यदि डॉक्यूमेंट में सच्चाई है तो नेपाल को अभी से सतर्क रहने की आवश्यकता है।

यह भी पढ़ें

श्रीलंका की भारत से गुहार, इमरजेंसी सेवाओं के लिए पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रखे जारी




loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो