script

मंदी का खतरा कम पर वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए 2019 में धीमी विकास दर है चुनौती

locationजयपुरPublished: Jan 04, 2019 07:26:23 pm

Submitted by:

manish singh

केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच आपसी विवाद ने बाजार को कमजोर करने का काम किया है। वहीं दूसरी ओर अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का दूसरे देशों से विवाद भी वैश्विक बाजार की कमजोरी का बड़ा कारण बना हुआ है।

economy, recession, world economy, growth, india, us, china, japan, recession

मंदी का खतरा कम पर वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए 2019 में धीमी विकास दर है चुनौती

वैश्विक अर्थव्यवस्था डावांडोल की स्थिति में है जहां दुनियाभर के बाजार के गिरने और संभलने का दौर लगातार जारी है। हालांकि पिछले वर्ष की आर्थिक विकास दर 2010 के बाद सबसे बेहतर स्थिति में थी। अमरीका में एकल परिवारों के लिए छोटे घरों का निर्माण कार्य बाधित है, जर्मनी में फैक्ट्रियों की हालत खराब है जबकि चीन में खुदरा ब्रिकी की विकास दर में 15 फीसदी की गिरावट आई है। अचानक आई धीमी गति की वजह से वैश्विक वित्तीय व्यवस्था को करारा झटका लगा है जिसका सबसे अधिक नुकसान अमरीकी स्टॉक एक्सचेंज को हुआ।

इसमें 31 दिसंबर को 20 फीसदी की गिरावट आई जो 1931 के बाद पहली बार हुआ था। इसके लिए अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप को जिम्मेदार बताया गया क्योंकि उन्होंने फेडरल रिजर्व बोर्ड के चेयरमैन जीरोम पॉवेल पर भरोसा नहीं दिखाया और कहा कि बाजार की उथल-पुथल के लिए वही जिम्मेदार हैं। ट्रंप का दूसरे देशों से विवाद भी वैश्विक बाजार की कमजोरी का कारण है। फ्रांस में तेल की कीमतों को लेकर प्रदर्शन ने दुनिया को हिला दिया। भारत में सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच आपसी विवाद ने बाजार को कमजोर करने का काम किया है। इसका सीधा असर उसकी अर्थव्यवस्था और सकूल घरेलू उत्पाद पर पड़ा है। इसका आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।

सिटी ग्रुप ग्लोबल मार्केट के अनुसार पिछले महीने अमरीका, जापान और यूरो जोन योजना के अनुरूप आर्थिक लक्ष्य हासिल करने में विफल रहा। भारत और चीन की अर्थव्यवस्था भी इस साल धीमी रही।

सब कुछ तो ठीक नहीं
वर्ष 2019 की थीम थी ‘सब कुछ सभी जगह संतुलित और अच्छा है’। जबकि जर्मनी के डॉयचे बैंक के चीफ इंटरनेशनल इकोनॉमिस्ट टॉर्सटेन स्लोक का कहना है कि सब जगह सबकुछ ठीक नहीं है। अटलांटा फेडरल रिजर्व बैंक के अनुसार अमरीका से बाहर चौथी तिमाही में आर्थिक विकास दर 2.7 फीसदी की दर से आगे बढ़ी। इससे अर्थशास्त्री ये अंदाजा लगा रहे हैं कि वर्ष 2019 में अमरीकी अर्थव्यवस्था अब धीमी गति से ही आगे बढ़ सकेगी।

पांच कारण जिससे दुनिया की अर्थव्यवस्था को खतरा

2019 में मंदी के आसार बहुत ही कम

अर्थशास्त्री मानते हैं कि 2019 में दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में बढ़ोत्तरी होगी और अगले 12 महीने में छह में से एक बार ही मंदी के आसार बन सकते हैं। न्यूयॉर्क फेडरल रिजर्व बैंक के प्रेसिडेंट जॉन विलियम्स कहते हैं कि हर किसी की निगाह अर्थव्यवस्था पर रहेगी क्योंकि अर्थव्यवस्था ही बदलाव की नींव को तैयार करेगी और पूरी दुनिया की आर्थिक मजबूती उसी पर निर्भर करेगी।

डेविड जे. लिंच, बिजनेस और अर्थव्यवस्था से जुड़े मामलों की जानकार हैं (वाशिंगटन पोस्ट से विशेष अनुबंध के तहत)

ट्रेंडिंग वीडियो