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भारत के तल्ख तेवर: चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ योजना में नहीं लेगा हिस्सा, US और पाकिस्तान ने जताई सहमति

Published: May 13, 2017 04:46:00 pm

नेपाल के वन बेल्ट वन रोड शामिल होने पर चीन के विशेषज्ञों ने कहा था कि अगर भारत इस योजना शामिल नहीं होता है तो आगामी भविष्य में वह दक्षिण- एशिया में अकेला पड़ जाएगा।

China-India Relation

China-India Relation

भारत चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ह्रक्चह्रक्र) सम्मेलन शामिल नहीं हो रहा है। वहीं नेपाल इस परियोजना के साथ जुड़ चुका है। चीन की इस योजना में भारत की सहमति नहीं जताने के बाद अब रविवार को शुरु हो रहे इस सम्मेलन में अमेरिका, फ्रांस, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश भाग ले रहे हैं। 
तो वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत इस परियोजना में शामिल होने की पुष्टि नहीं की है लेकिन देश के विशेषज्ञ इसमें हिस्सा लेंगे। चीन के इस चाल से जहां भारत अकेला पड़ गया है, तो वहीं इस ह्रक्चह्रक्र में चीन ने 29 देशों के राष्ट्राध्यक्षों, 70 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के अलावा विभिन्न देशों के 1200 प्रतिनिधिमंडलों को आमंत्रित किया है। 
इस परियोजना की बैठक में भाग लेने के लिए नेपाल के उपप्रधानमंत्री शुक्रवार को ही बीजिंग के लिए रवाना हो गए हैं। जहां नेपाल के वन बेल्ट वन रोड शामिल होने पर चीन के विशेषज्ञों ने कहा था कि अगर भारत इस योजना शामिल नहीं होता है तो आगामी भविष्य में वह दक्षिण- एशिया में अकेला पड़ जाएगा। साथ ही उसे बाकी देशों से अलग- थलग कर दिया जाएगा। 
वहीं चीन ने इस योजना पर अपनी तर्क देते हुए कि इस महत्वकांक्षी परियोजना के शुरु होने से दुनिया के देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही किसी तरह की मंदी से निपटने में यह योजना काम आएगी। वहीं चीन ने कहा कि भारत दक्षिण एशिया में एक प्रभावशाली देश है, अगर वह इसमें शामिल नहीं होता है तो दुनिया उससे सवाल करेगी। चीन की पूरी कोशिश है कि भारत इस वन बेल्ट वन रोड का हिस्सा बने। लेकिन भारत ने चीन के प्रस्ताव को नकार दिया है। 
जहां चीन अपनी देश में बेरोजगारी को दूर करने के लिए न्यू सिल्क रोड का सहारा लेते हुए बेल्ट वन रोड परियोजना के तहत दुनिया के देशों को जोड़ रहा है, तो वहीं भारत ने इसका आधिकारिक विरोध दर्ज कराते हुए कहा है कि यह सीधे पाक के कब्जे वाले कश्मीर से होकर जाता है। जो कि विवादस्पद इलाका है। 
ध्यान हो कि पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ और श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे भी इस सम्मेलन में भाग लेंगे, तो वहीं भूटान इस योजना का हिस्सा नहीं है।

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