पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि साल 2021 में चीन ने सीमा पर अवैध रूप से सेना की तैनाती की और बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा। चीन ने भारतीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर गतिरोध को दोषी ठहराया, जिसे उसने चीनी क्षेत्र पर अतिक्रमण के रूप में माना, जबकि भारत ने चीन पर भारत के क्षेत्र में आक्रामक घुसपैठ शुरू करने का आरोप लगाया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की गलवान घाटी की घटना पिछले 46 वर्षों में दोनों देशों के बीच सबसे घातक संघर्ष थी। पीआरसी अधिकारियों के अनुसार, 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में गश्ती दल हिंसक रूप से भिड़ गए, जिसके परिणामस्वरूप लगभग बीस भारतीय सैनिक और चार पीएलए सैनिक मारे गए। कुछ भारतीय और चीनी सैनिक एक महत्वपूर्ण घर्षण बिंदु से पीछे हट गए हैं लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है।
इस बीच, उत्तराखंड के औली में भारत और अमरीका का साझा युद्धाभ्यास जारी है। 15 नवंबर को शुरू साझा युद्धाभ्यास अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। 2 दिसंबर तक चलने वाले इस अभ्यास में अमरीकी सैनिक भारतीय सेना से विषम परिस्थितियों वाला युद्ध लड़ना सीख रहे हैं। वार्षिक अभ्यास में अमेरिकी सैनिक 11वीं एयरबोर्न डिवीजन की दूसरी ब्रिगेड से आए हैं उनके साथ सेना की असम रेजिमेंट के जवान हैं।
युद्ध अभ्यास अभ्यास 2000 के दशक की शुरुआत में शुरू होने के बाद से अमेरिका और भारत के बीच बारी-बारी से होता रहा है। यह पिछले साल अलास्का में आयोजित किया गया था। पहले के संस्करण उत्तरी भारत में कहीं और हुए थे, लेकिन इस साल का अभ्यास वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगभग 100 किलोमीटर (62 मील) की दूरी पर आयोजित किया जा रहा है।
यह अभ्यास भारत और अमेरिका के बीच मजबूत हो रहे रक्षा संबंधों को भी दर्शाता है। दोनों ने अपने सैन्य संबंधों को लगातार बढ़ाया है, कई रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं और सैन्य सहयोग को गहरा किया है। ऐसे में ड्रैगन बौखला गया है।