डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ जंग में एम्स डायरेक्टर डॉ. गुलेरिया ने बताए 3 बड़े हथियार, स्कूल खोलने पर दिया जोर
चीन की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चाइनीज अकेदमी ऑफ साइंसेज ने Covid-19 पर बेहतरीन रिसर्च करने के लिए वुहान स्थित इस विवादित लैब को सबसे बड़े अवॉर्ड देने के लिए नामित किया गया है। चाइनीज अकेदमी ऑफ साइंसेज के अनुसार इस लैब द्वारा किए गए शोध के बाद ही कोरोना वायरस की उत्पत्ति, इसके प्रभाव और उसके मैकेनिज्म को समझने में मदद मिली। लैब के इन्हीं प्रयासों की बदौलत कोरोना वायरस के विरुद्ध दवाएं और वैक्सीन बनाना संभव हो पाया।जी-7 के जरिए चीन को घेरने की कोशिश
अकेदमी ने यह भी कहा कि वुहान लैब ने घातक महामारी को रोकने के लिए जरूरी वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाई। चीन के इस कदम पर वैज्ञानिक हतप्रभ है। कई वैज्ञानिक पहले से ही इस बात पर सहमत थे कि यह वायरस संभवतया एक इंजीनियर्ड वायरस हो सकता है जो किसी दुर्घटनावश या अन्य किसी कारण से रिसर्च लैब से लीक हो गया।चीनी मीडिया के अनुसार चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियांग ने कहा था कि इंस्टीट्यूट में काम करने वाले चीनी वैज्ञानिकों पर दोषारोपण किए जाने के बजाय उन्हें सबसे पहले नोवल कोरोना वायरस का जीन सीक्वेंस खोज लेने के लिए चिकित्सा जगत के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए।