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समुद्री जीवों में फैल रहा घातक वायरस

Published: Nov 19, 2019 01:46:08 pm

Submitted by:

pushpesh

संक्रामक वायरस फॉसीन डिस्टेंपर Phocine distemper virus (PDV) ) श्वसन और तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है

समुद्री जीवों में फैल रहा घातक वायरस

समुद्री जीवों में फैल रहा घातक वायरस

जयपुर.

वर्ष 2002 में उत्तरी अटलांटिक महासागर के यूरोपीय बंदरगाह पर हजारों सील मछलियों की मौत का कारण बना घातक वायरस अब उत्तरी प्रशांत महासागर में सी लॉयन, सील और दूसरे समुद्री जीवों के खतरा बन गया है। इस वायरस को लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं। अत्यधिक संक्रामक वायरस फॉसीन डिस्टेंपर समुद्री स्तनधारियों के श्वसन और तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है। हालांकि इस बात के संकेत नहीं हैं कि संक्रमित जीव इस संक्रमण को दुनिया के दूसरे हिस्सों में ले जाते हैं।
इस वायरस से इंसानों को खतरा नहीं है। कैलिफोर्निया विवि के पशु चिकित्सा विशेषज्ञ ट्रेसी गोल्डस्टीन का कहना है कि अटलांटिक महासागर में देखे गए वायरस का प्रशांत महासागर में अंत कैसे हो गया। गोल्डस्टीन और उनके साथियों ने पिछले 15 वर्ष के आंकड़ों की जांच की है, जिसमें आर्कटिक की समुद्री बर्फ और उन जानवरों के डेटा शामिल थे, जिन्हें प्रवासन पैटर्न के अध्ययन के लिए टैग किया गया था।
बर्फ पिघलने के बाद पैदा हुआ
जांच के बाद वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण आर्कटिक की बर्फ पिघलने के बाद बदली जलवायु के कारण ये घातक वायरस पैदा हुआ। वर्ष 2002 के अगस्त और सितंबर में भी जलवायु परिवर्तन के कारण काफी मात्रा में बर्फ पिघली थी, जिसके कारण इस वायरस का असर बढ़ा। शोधकर्ताओं ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह के वायरस अन्य महासागारों में भी पैदा हो सकते हैं।
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